आज भारतीय शिक्षण प्रशिक्षण महाविद्यालय के वंदना सभागार में वार्षिक कार्यशाला के आठवें दिन के प्रथम सत्र में बौद्धिक देने के लिए बीआरबीयू मुजफ्फरपुर के भौतिक विभाग के विभागाध्यक्ष एवं प्रोफेसर डॉ ललन कुमार झा ने विद्यार्थियों की उन्नति तरक्की के लिए शैक्षिक दृष्टिकोण को अपनाते हुए, नौकरी की सुविधा के बारे में बताया।

जिसमें उन्होंने विज्ञान को बुनियाद के रूप में रखते हुए , अध्यात्म, महाभारत और रामायण काल से जोड़ते हुए ऊर्जा और सकारात्मक सोच पर जीवन को एक नई धारा एक नई सोच की तरफ ले गए। उन्होंने कहा कि जिस तरह से एक जौहरी किसी पत्थर को नक्काशी करने के बाद उस पत्थर को हीरे के रूप में ला देता है। हम सभी शिक्षकों को अपने विद्यार्थी रूपी पत्थर को तरासना चाहिए उसकी नक्काशी करनी चाहिए ताकि उनका भविष्य उज्ज्वल बन सके। हर युग में हर काम में एक बाउंड्री शर्त होती है, मतलब एक उसकी खास धर्म होती है। वही धर्म हम सभी शिक्षकों को भी याद रखना चाहिए नहीं तो महाभारत जैसी स्थिति बन जाएगी।

उन्होंने कहा कि मानव सही मायने में मानव संसाधन मंत्रालय का प्रतिनिधि करने वाला है। इस तरह से ललन झा ने विद्यार्थियों को हमेशा सकारात्मक रहने की सलाह दिया। तभी सफलता उनके कदम चुम सकती है। उसी सत्र में महाविद्यालय में सचिव डॉ ललित किशोर ने सभी प्राध्यापकों को शक्ति को जीवन दायनी बताया। जब शक्ति शून्य हो जाता है तो वह शक्ति मुक्त हो जाता है, शक्ति का बंधन रहना ही जीवन ,मुक्ति तो विचरण के हमको स्वतंत्र कर देती। हर कर्म या जीव का जीवन जीने के लिए एक नियम होता है, उसको निभा करके ही हम सभी सफल होने की तरफ़ अग्रसर हो सकते है। इसी के साथ महाविद्यालय वार्षिक कार्यशाला का आज संपन्न हुआ।

इस मौके पर महाविद्यालय के प्राध्यापक मंजू कुमारी ,डॉ मिन्नी कुमारी, डॉ अनामिका रानी ,डॉ सतीश चंद्र, शैलेन्द्र मिश्र,सरोज कुमार, प्रवाल बेरा, सुधीर कुमार ठाकुर, हितेन्द्र कुमार, मनोज कुमार,संजय कुमार गुप्ता, प्रतिमा कुमारी, प्रतिमा सिंह,और महाविद्यालय के प्रतिनिधि, एवं एन एस एस के समन्वयक डॉ सौरभ सहित अन्य गणमान्य उपस्थित रहें।




