लीची का नाम सुनते ही सीधे दिमाग में बिहार राज्य घूम जाता है. शाही लीची के बाद अब चाइनीज लीची बाजार में आ चुकी है. ये अपने स्वाद और आकार के कारण बेमिसाल है. इसकी डिमांड तेजी से दूसरे राज्यों में भी हो रही है. बिहार के ज्यादातर किसान सब्जी की खेती करते हैं. लेकिन अब इसके साथ-साथ फलों और आधुनिक खेती की तरफ भी उनका रुझान तेजी से बढ़ा है. लीची यहां की प्रसिद्ध फसल और खासियत है. कई किसान आम और लीची के बागों में निवेश करके सफलता पा रहे हैं. इससे उन्हें हर साल लाखों रुपए का मुनाफ़ा हो रहा है.
शाही लीची के बाद चाइनीज लीची
मुजफ्फरपुर के अलावा समस्तीपुर में भी शाही लीची की खेती होती है. समस्तीपुर के एक किसान ने बताया कि वो 7 एकड़ खेत में लीची की बागवानी करते हैं. उन्होंने नया प्रयोग करते हुए चाइनीज लीची उगाने में सफलता पाई है. वो एक दशक से भी ज्यादा समय से वह चाइनीज लीची की खेती कर रहे हैं. उनके खेत का माल बिहार के साथ दूसरे प्रदेशों में भी जाता है.लीची के एक सीजन में वो करीब एक महीने में 5 लाख रुपए का मुनाफा कमा लेते हैं.









