गर्मी की शिद्दत को देखते हुए जिला शिक्षा विभाग में एसी लगाने का कार्य आरंभ हो गया है। अब तक पदाधिकारियों के कक्ष में ही एसी की सुविधा थी, परंतु अब कर्मियों के कक्ष में भी एसी लगवाए जा रहे हैं। विभाग के एक लिपिक ने बताया कि इन दिनों शिक्षा कार्यालय में कार्य अवधी काफी लंबी कर दी गई है।
विभिन्न प्रकार के अवकाश भी रद हो चुके हैं। जिसके कारण इस आग उगलती उमस भरी गर्मी में भी कार्यालय कर्मियों को सुबह सवेरे से रात के दस-दस बजे तक बने रहना होता है। ऐसी स्थिति को देखते हुए उच्चाधिकारियों के निर्देश पर लिपिकों के कक्ष में भी ऐसी लगवाए जा रहे हैं। ताकि कार्य को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके।

शिक्षा कार्यालय में तीन पदाधिकारी के लिए बैठने की व्यवस्था
बताते चलें कि जिला शिक्षा कार्यालय में तीन पदाधिकारी के लिए बैठने की व्यवस्था है। जबकि एक डीपीओ जिला परिषद भवन तथा दूसरे डीपीओ का कार्यालय नगर थाना के पीछे संचालित होता है।

हालांकि, फिलहाल जिला में पांच की जगह सिर्फ दो ही डीपीओ सारे विभागों को संचालित कर रहे हैं। इसलिए वहां के कर्मी गर्मी से बचने के लिए पदाधिकारी के कक्ष का भी प्रयोग कर लेते हैं।

जिले के स्कूलों में भेजी गईं चार लाख किताबें
पटना जिले के सरकारी स्कूलों में बच्चों को किताबें उपलब्ध कराने की प्रक्रिया जारी है। स्कूलों से मांग के अनुसार, सभी कक्षाओं की चार लाख किताबें भेजी जा चुकी हैं। कुछ ऐसे प्रखंड हैं, जहां मांग से अधिक किताबें भेजी गई हैं।

जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि जहां किताबें अधिक पहुंच गई हैं, गिनती के बाद के बगल के प्रखंड में किताबें पहुंचा दी जाए। यह सुनिश्चित की जाए कि 30 जून तक प्रत्येक बच्चों को पाठ्य पुस्तक मिल जाए।

स्कूलों में निरीक्षण के लिए जा रहे निरीक्षण कर्मियों को जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से किताब वितरण की प्रतिदिन जानकारी देने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही स्कूल स्तर पर बची हुई किताबों को कैसे पहुंचाई जा रही है इसकी भी जानकारी देनी होगी।


