मांझी के नए बयान ने बिहार में बढ़ाई हलचल, ‘292 सीट कैसे आ गई…’

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आज एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। देश भर में एनडीए को 292 सीटें मिली हैं। इस बीच, मांझी ने बिहार में हलचल मचाने वाला बयान दे दिया है। उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा, अगर सीट मिली नहीं तो 292 सीट आया कैसा? सरकार बनाने के लिए 272 सीट चाहिए और 292 आया है तो क्या ममता बनर्जी की वजह से आया है?

Lok Sabha Elections 2024: Jitan Ram Manjhi Reaction on Getting Only One Seat in NDA ANN | Lok Sabha Elections 2024: एक सीट मिलने पर जीतन राम मांझी खुश हैं या नाराज? इशारों में बता दिया सब

मांझी ने आगे कहा कि इंडी गठबंधन वाले पहले अपने गिरेबान में झांककर देखें, फिलहाल वह ये सोच रहे हैं कि उनका नेता कौन होगा और बराती का दूल्हा कौन होगा? पीएम मोदी और एनडीए के बारे में नहीं सोचें तो अच्छा होगा। एनडीए की बैठक शाम 4 बजे से है, जिसमें सभी लोग शामिल होंगे। बता दें कि नीतीश कुमार और चिराग पासवान समेत कई दिग्गज नेता एनडीए की बैठक में भाग लेने के लिए  दिल्ली रवाना हो गए हैं। वहीं, तेजस्वी यादव भी दिल्ली के लिए निकल चुके हैं। नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव को एक हि फ्लाइट से दिल्ली जाते हुए देखा गया है।

एनडीए को मिली इतनी सीटें

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने बिहार में 75 प्रतिशत सीटें जीतकर अपना दबदबा तो बनाए रखा मगर पिछली बार वाला जादू नहीं चला। 2019 के लोकसभा चुनाव में 40 में 39 सीटें जीतने वाले राजग को इस बार 30 सीटों से ही संतोष करना पड़ा। महागठबंधन ने पिछली बार महज किशनगंज की एक सीट जीती थी। इस बार उसने नौ सीटों पर जीत दर्ज की है। पूर्णिया की सीट पर पप्पू यादव ने निर्दलीय जीत हासिल की है। राजग की ओर से भाजपा और जदयू ने क्रमश: 17 और 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था। दोनों ही दलों को 12-12 सीटों पर विजयश्री मिली। चिराग पासवान के नेतृत्व वाले लोजपा (रा) ने अपनी सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज कर 100 प्रतिशत सफलता का रिकॉर्ड बनाए रखा। जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) ने भी अपनी गया की एकमात्र सीट जीत ली है।

राजद ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा

राजग के साथी उपेंद्र कुशवाहा को इस बार भी काराकाट से हार का सामना करना पड़ा जिससे उनके दल राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) का खाता नहीं खुल सका। महागठबंधन की ओर से राजद ने 23 सीटों पर चुनाव लड़ा मगर महज चार सीटों पर ही जीत हासिल हो सकी। कांग्रेस ने नौ में तीन जबकि भाकपा माले ने तीन में से दो सीट पर जीत दर्ज की। मुकेश सहनी की अगुवाई वाली विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) ने इस बार भी तीन सीटों पर चुनाव लड़ा और सभी सीटें गंवा दीं। सीपीआइ और सीपीएम को भी अपनी एक-एक सीट पर हार का सामना करना पड़ा है।

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