मुजफ्फरपुर: रविवार को बिहार शोध संवाद की ओर से विश्व विभूति पुस्तकालय, कच्ची पक्की में “लुटेरी देसी-विदेशी कंपनियां और शिक्षा व रोजगार से बेदखल होते युवा” विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया। जहां प्रथम सत्र की अध्यक्षता करते हुए लेखक-विचारक प्रो. (डॉ) हरिनारायण ठाकुर ने कहा कि शिक्षा का अंधाधुंध निजीकरण किया जा रहा है।

इसके कारण शिक्षा महंगी होती जा रही है। अमीरी-गरीबी की खाई बढ रही है। लेखक-चिंतक अनिल प्रकाश ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि देसी-विदेशी कंपनियों की नजर सिर्फ संसाधनों पर ही नहीं, हमारी शिक्षा व्यवस्था पर भी है।

शिक्षा का व्यावसायीकरण हो रहा है। अब गरीबों के लिए शिक्षा पाना मुश्किल हो गया है। कार्यक्रम को समाजसेवी नरेश सहनी, आनन्द पटेल ने भी संबोधित किया। जहां इस पहले सत्र का मंच संचालन संस्कृतिकर्मी बैजू कुमार ने किया।

दूसरे सत्र की अध्यक्षता दिवाकर घोष ने की। उन्होंने कहा कि नाॅट फाउंड सुटेबल, लैटेरल इंट्री के जरिए मध्यवर्गीय परिवार के युवाओं को नौकरियों से रोका जा रहा है। डॉ कमालुद्दीन ने शिक्षा, रोजगार और नौकरियों पर बढ़ते संकट को लेकर आगाह किया। सहायक प्रोफेसर जयनाथ सहनी ने उच्च शिक्षा की स्थिति पर चिंता जताई। डॉ हेमनारायण विश्वकर्मा, राकेश कुमार साहू, नीरज कुमार, चंदेश्वर राम, शंभू मोहन प्रसाद ने भी अपनी बातें रखीं।

मंच संचालन डॉ संतोष सारंग ने किया। जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा के अमन कुमार ने गीत प्रस्तुत किया। सुनील सरला द्वारा ‘घिरे हैं हम सवालों से, हमें जवाब चाहिए। बेबी, पूजा, रिया द्वारा ‘जेहि कोखि बेटा जनमल वहीं कोखी बेटियां, एवं दू रंग नीतियां व ‘ठाकुर का कुआं’ कविता प्रस्तुत किया गया।

राजाराम सहनी ने भी गीत गाकर लोगों में उत्साह भरा। सेमिनार में मुख्य रूप से राकेश कुमार साहू, अनिल कुमार अनल चंदेश्वर राम, कृष्णा प्रसाद, डॉ संतोष सारंग, दिवाकर घोष, संगीता सुभाषिनी, इंदु भारती, ऋतुराज, गुड़िया, पूजा कुमारी, अमना खातून, गुड्डी बेगम, गायत्री देवी, रिंकू देवी, नाजनी बेगम, सज्जो बेगम, शंभू सहनी, दीनबंधु महाजन, राजाराम सहनी,

सुनील कुमार, शंभू मोहन प्रसाद, कैलाश पासवान, बेबी कुमारी, रिया कुमारी, राजू कुमार, अंतरिका शर्मा, पूजा कुमारी, अनील कुमार अनल, पियूष यादव, संजय कुमार, अमरेंद्र राज, अजय, इंजीनियर हैदर अली, रूपेश कुमार, छोटू कुमार, नमन कुमार, नीरज कुमार, देवेंद्र, प्रिंस कुमार, नवीन कुमार, रूपेश कुमार, शास्वत कुमार,

डॉ उमेश चंद्र प्रसाद, अमन कुमार, रमाशंकर राय, मो. कफील अहमद, रजी हसन, मो. इश्तियाक, मुकेश कुमार यादव, मुन्ना कुमार एवं कार्यक्रम संयोजक अनिल कुमार अनल सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहें। धन्यवाद ज्ञापन बिहार शोध संवाद के जिला संयोजक रामबाबू ने किया।






