मुजफ्फरपुर के मिठनपुरा स्थित सरदार पटेल चिल्ड्रनस पार्क मे छत्रपति शिवाजी महाराज की 394वी जयन्ती वर्षगांठ के अवसर पर विश्व सनातन सेना, अंतर्राष्ट्रीय सनातन हिंदू वाहिनी तथा सनातन सेवा दल के संयुक्त तत्वाधान में जयंती महोत्सव का आयोजन किया गया।


कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रगीत वंदे मातरम के सामूहिक गान से हुआ। तत्पश्चात अतिथियों तथा आगंतुकों द्वारा शिवाजी के आदमकद प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा के वरिष्ठ नेता रविंद्र प्रसाद सिंह तथा संचालन सनातन हिंदू वाहिनी के केंद्रीय अध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने किया। वहीं धन्यवाद ज्ञापन विश्व सनातन सेना के तिरहुत संभाग प्रभारी अनिल कुमार ने किया।

इस अवसर पर अपने संबोधन में डॉक्टर विजयेश पाराशर ने कहा कि शिवाजी का शौर्य भारत के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है। भाजपा पश्चिमी जिला अध्यक्ष हरिमोहन चौधरी ने अपने संबोधन में कहा कि औरंगजेब आज भी जिंदा है और वह भारत के हर शहर हर गांव में आतंक फैलाने की ताक में है जिसके खिलाफ हमें संघर्ष करना होगा। मनीष मिश्रा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की प्रत्येक नारी को जीजाबाई बनकर अपने बच्चों में शिवाजी जैसा शौर्य का जागरण और संस्कार का रोपण करना चाहिए तभी यह देश सुरक्षित रह पाएगा।

वैभव मिश्रा ने कहा कि हमारी नई पीढ़ी जब तक शिवाजी के चरित्र को नहीं अपनाएगी तब तक सनातन पर आक्रमण होता रहेगा। सनातन हिंदू वहिनी के केंद्रीय अध्यक्ष आचार्य चंद्र किशोर पाराशर ने कहा कि देश के सनातन समाज को एकजुट होकर भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की दिशा में समर्पित भाव से अभियान चलाना चाहिए तभी शिवाजी की तरह हम हिंदू तख्तशाही की स्थापना इस देश में कर सकते हैं। अपने अध्यक्षीय संबोधन में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि शिवाजी का शौर्य युवा वर्ग में जगा कर ही भारत को हिंदू राष्ट्र बनाया जा सकता है।

इसलिए यह आवश्यक है की इस देश में शिवाजी जैसे व्यक्तित्व के निर्माण के लिए समर्थ गुरु रामदास जैसे शिक्षकों को भी पैदा किया जाए। शिवाजी जयंती समारोह को अरुण कुमार शर्मा, राजेश कुमार, हरि किशोर सिंह आदि ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम के अंत में सर्व समिति से प्रस्ताव पारित कर शहर के प्रमुख स्थान पर छत्रपति शिवाजी की मूर्ति स्थापना का संकल्प लिया गया।

कार्यक्रम का समापन सामूहिक रूप से शिवाजी महाराज की आदमकद प्रतिमा की महाआरती पंडित जगदीश भट्ट के नेतृत्व में किया गया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अनिल कुमार, पीयूष कुमार, मानव कुमार, शुभम कुमार, दीप भट्ट, दीपक कुमार, कुणाल कुमार, विकास चौबे, परमजीत कुमार, आदि की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस अवसर पर सनातन एवं हिंदुत्व से संबंधित साहित्य का एक प्रदर्शनी भी आयोजित किया गया।
प्रेषक– अनिल कुमार (कार्यक्रम संयोजन)