ACS एस. सिद्धार्थ ने पकड़ लिया स्कूलों में हो रहा बड़ा फर्जीवाड़ा, पलट दिया एक और आदेश, इन अधिकारियों को दिया बड़ा काम

सरकारी विद्यालयों के निरीक्षण और अनुश्रवण को लेकर शिक्षा विभाग ने गुरुवार को एक बड़ा आदेश जारी किया. शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस. सिद्धार्थ ने इसे लेकर राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र जारी किया है. इसके तहत अब निरीक्षण और अनुश्रवण के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वालों पर लगाम लगाने की कोशिश की गई है.

एस. सिद्धार्थ की ओर से कहा गया है कि अब तक शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों में पदस्थापित सभी पदाधिकारियों एवं कर्मियों को विद्यालय अनुश्रवण की जिम्मेवारी दी गयी थी. लेकिन अब इसमें बदलाव किया गया है. दरअसल, जिला शिक्षा कार्यालय में कार्यरत संविदा पदाधिकारी/कर्मी या वाह्य श्रोत से कार्यरत कर्मियों से प्राप्त निरीक्षण प्रतिवेदन की समीक्षा के क्रम में पाया गया कि इनके द्वारा निरीक्षण प्रतिवेदन में अंकित किए गये डाटा लगभग फर्जी हैं. वहीं जब स्थानीय जाँच की गयी तो निरीक्षण प्रतिवेदन और स्थलीय स्थिति में बहुत भिन्नता थी. विभाग ने माना कि उनके द्वारा अपने कर्तव्यों के निर्वहन में भी सचेतता एवं संवेदनशीलता की कमी पायी गई है.

किनके द्वारा किया जाएगा निरीक्षण

एस. सिद्धार्थ की ओर से जारी आदेश में कहा गया है निरीक्षण की गुणवत्ता तथा उपयोगिता बढाने हेतु इस निरीक्षण व्यवस्था में बदलाव करने का निर्णय लिया है। अब यह निर्णय लिया गया है कि अल्प अवधि संविदा पर नियोजित या आउटसोर्स के माध्यम से नियोजित किसी भी कर्मी के माध्यम से विद्यालयों का निरीक्षण नहीं किया जाएगा। अब सिर्फ शिक्षा विभाग एवं BEP के निम्नलिखित नियमित पदाधिकारी ही विद्यालयों का निरीक्षण करेंगे. इसमें जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, कार्यक्रम पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, अपर जिला कार्यकम समन्वयक (BEP), सहायक कार्यकम पदाधिकारी (BEP) ही निरीक्षण कर सकेंगे.

किन विद्यालयों का निरीक्षण  

जिन विद्यालयों का निरीक्षण किया जाना है उसका चयन प्रत्येक निरीक्षण हेतु निर्धारित दिन अपर मुख्य सचिव के द्वारा किया जाएगा। इन विद्यालयों की सूचना एक दिन पूर्व रात्रि 9 बजे मोबाईल पर अपर मुख्य सचिव कार्यालय के माध्यम से भेजी जाएगी। सूचना के आधार पर अगले दिन संबंधित पदाधिकारी विद्यालय निरीक्षण के लिए प्रस्थान करेंगे और तय नियमों के तहत निरीक्षण किया जाएगा. वहीं बाद में उसकी रिपोर्ट ई-शिक्षाकोष पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करेंगे।

इस दौरान विद्यालयों के निरीक्षण की सूचना पूर्ण रूप से गोपनीय रखी जाएगी। निरीक्षण के दिन विद्यालय के किसी भी शिक्षक अथवा शिक्षा विभाग के किसी भी पदाधिकारी/कर्मी को बिना बताए वे विद्यालय की ओर प्रस्थान करेंगे और विद्यालय का निरीक्षण करेंगे। ये सभी निरीक्षण औचक होंगे एवं पूर्व सूचना के आधार पर नहीं होंगे।

होगी अनुशासनिक कार्रवाई 

आदेश में कहा गया है कि यदि किसी कारणवश जैसे अस्वस्थता या अन्य कारण से संबंधित पदाधिकारी निरीक्षण नहीं कर पाए तो वे इसकी सूचना अपर मुख्य सचिव कार्यालय में इस व्यवस्था का संचालन करने वाले नोडल पदाधिकारी अनिल कुमार, अपर सचिव, शिक्षा विभाग को सूचित करेंगे एवं अपर मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा पुनः किसी अन्य तिथि को निरीक्षण हेतु कोई अन्य विद्यालय आवंटित किया जाएगा, जिसका वे निरीक्षण करेंगे। सभी पदाधिकारियों को प्रत्येक माह कम-से-कम 25 विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाना है। वहीं किसी भी परिस्थिति में निरीक्षण प्रतिवेदन फर्जी या भ्रामक पाए जाने पर संबंधित पदाधिकारियों पर आवश्यक अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

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