बिहार के विभिन्न विश्वविद्यालयों में अतिथि प्राध्यापकों की सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर पटना में छह एवं सात मार्च को दो दिवसीय शांतिपूर्ण धरना आयोजित किया जाएगा। सभी विश्वविद्यालयों में इसकी जोर-शोर से तैयारी की जा रही है।

बिहार विश्वविद्यालय अतिथि प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ ललित किशोर ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर प्रशासन से अनुमति प्राप्त कर ली गई है। कॉलेज में जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है। सभी विश्वविद्यालयों से भारी संख्या में अतिथि प्राध्यापक धरने में शामिल होंगे।

बूस्टा के कार्यकारी अध्यक्ष प्रो जयकांत जय ने नैतिक समर्थन देते हुए कहा है कि अतिथि प्राध्यापकों की मांग जायज है। यूजीसी की अहर्ता पर विश्वविद्यालय चयन समिति के द्वारा इनकी नियुक्ति हुई है।

विगत पाच वर्षों से अधिक से ये अपनी सेवा दे रहे हैं। इनकी उच्च शिक्षा में सकारात्मक भागीदारी को देखते हुए सरकार को जल्द से जल्द इनका सेवा समायोजन करना चाहिए।

शिक्षक संघ बूटा के महासचिव डॉ सुनील कुमार सिंह ने नैतिक समर्थन देते हुए कहा कि पूरे बिहार के विश्वविद्यालय में अतिथि प्राध्यापक गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक माहौल बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार नियुक्त अतिथि प्राध्यापक उच्च शिक्षा को लगातार गति प्रदान कर रहे हैं। सरकार को उनकी सेवा समायोजित करनी चाहिए। यह कदम सरकार के लिए सराहनीय होगा।

संघ के महासचिव डॉ राघव कुमार, सचिव डॉ नितेश कुमार एवं संयोजक डॉ सर्वेश्वर कुमार सिंह ने बताया कि पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, वैशाली, हाजीपुर, सीतामढ़ी एवं मुजफ्फरपुर स्थित सभी कॉलेजों के अतिथि प्राध्यापकों से संपर्क किया गया है। सबों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने की बात कही है। वहीं महिला अतिथि प्राध्यापकों ने भी अपनी कमर कस ली है। सभी विश्वविद्यालयों से भारी संख्या में महिला अतिथि प्राध्यापक धरने में शामिल होंगे।