700 साल पुराने राम-जानकी मठ में बाबा बागेश्वर का कार्यक्रम, अयोध्या से लौटने के समय श्रीराम ने किया था विश्राम

गोपालगंज: माता जानकी से विवाह के बाद भगवान राम ने जिस जगह पर रुककर विश्राम किया था, उसी जगह पर स्थित मठ में आज से बागेश्वर धाम के पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर का कार्यक्रम होगा.

जिले के भोरे प्रखंड के रामनगर स्थित राम जानकी मठ में आज बाबा बागेश्वर का आगमन होगा. वह हनुमत कथा और दिव्य दरबार में श्रद्धालुओं को संबोधित करेंगे. इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है.

700 साल पुरान इतिहास: राम जानकी मठ का इतिहास काफी पुराना है. इसके अलावे कई पौराणिक मान्यताएं भी हैं. रामनगर के राम जानकी मठ के बारे में बात करते हुए स्थानीय सरपंच और आयोजन समिति के सदस्य लालबाबू ने बताया कि सरपंच लाल बाबू ने बताया कि जब भगवान श्री रामचंद्र जी की शादी हुई था और जनकपुर मिथिला से उनका डोला चला था तो यहीं पर उन्होंने विश्राम किया था.

 

जिसके कारण इस गांव का नाम रामनगर पड़ा और इसी रामनगर में राम और सीता जी का स्थान देकर पूजा होने लगी. इसके अलावा एक मठ का निर्माण किया गया. इसके बगल में जानकी जी का भी डोला रखा गया, जिसका नाम जानकी नगर रखा गया.

1991 में मठ का हुआ जीर्णोद्वार: मठाधीश हेमकांत शरण जी महाराज ने 1991 में पुराने मठ का जीर्णोद्वार किया था. वर्ष 2024 में अतिरुद्र महायज्ञ का आयोजन किया गया था. दक्षिण भारत से 2100 ब्राह्मण आए थे. उस वक्त महामंडलेश्वर जगतगुरु द्वारकाचार्य जी महाराज द्वारा भागवत कथा का आयोजन हुआ था.

बागेश्वर जी महाराज का भी आगमन होना था, वे मुख्य अतिथि थे लेकिन प्रशासन की ओर से सुरक्षा बल नहीं मिलने के कारण उनका कार्यक्रम नहीं हो पाया. हालांकि इसको लेकर कई तरह की अफवाहें भी फैलने लगी. जिस वजह से अब उनका कार्यक्रम तय हुआ है.

60 एकड़ के बड़े भू-भाग में लगे इस पंडाल में भक्तों के बैठने की 2 लाख की क्षमता है. छह माह में बागेश्वर धाम सरकार के लिए भवन निर्माण किया गया है, जिसमें तमाम सुविधा मौजूद है. जहां वे कथा के बाद रात्रि विश्राम करेंगे. पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को सरकार के द्वारा वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है, जिनकी सुरक्षा को लेकर प्रशासन लगातार अलर्ट मोड में है.

 

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