मुजफ्फरपुर। वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को लेकर जनता दल (यूनाइटेड) में विरोध के सुर तेज हो गए हैं। पार्टी के अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के प्रदेश महासचिव अफरीदी रहमान ने आज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और सभी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को संबोधित करते हुए सौंपा है।

अपने त्यागपत्र में अफरीदी रहमान ने लिखा है कि जदयू द्वारा वक्फ संशोधन विधेयक का लोकसभा में समर्थन किया जाना न केवल मुसलमानों की भावनाओं के खिलाफ है, बल्कि यह संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन करता है। उन्होंने कहा कि इस विधेयक से भारतीय मुसलमानों को मानसिक और सामाजिक तौर पर अपमानित करने का प्रयास किया जा रहा है।

रहमान ने स्पष्ट रूप से लिखा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता श्री ललन सिंह द्वारा लोकसभा में जिस अंदाज़ में विधेयक का समर्थन किया गया, उसने मुसलमानों और पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को मर्माहत किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह विधेयक पूरी तरह अल्पसंख्यकों के अधिकारों के खिलाफ है और इसे किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता।

अंत में उन्होंने कहा कि वह विचारधारा से समझौता नहीं कर सकते और इसीलिए नैतिकता के आधार पर अपने पद और पार्टी से अलग हो रहे हैं। रहमान ने वर्षों तक पार्टी के लिए कार्य किया था और वह अल्पसंख्यक समुदाय के बीच एक सक्रिय चेहरा रहे हैं।
उनके इस्तीफे से जदयू के भीतर अल्पसंख्यक वर्ग में असंतोष की झलक भी सामने आ रही है। पार्टी नेतृत्व की ओर से अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।





