प्रकाश सिन्हा (संपादक) की कलम से।
मुज़फ़्फ़रपुर: चित्रगुप्त एसोसिएशन का चुनाव इस बार बेहद दिलचस्प मोड़ पर पहुंच गया है। एसोसिएशन के चार महत्वपूर्ण एकल पदों—अध्यक्ष, महामंत्री, संगठन मंत्री और कोषाध्यक्ष—के लिए मुकाबला न केवल रोचक हो गया है बल्कि मतदाताओं के रुझानों से इस बार बड़े बदलाव के संकेत भी मिल रहे हैं।

अध्यक्ष पद: अनुभव बनाम बदलाव की लहर
अध्यक्ष पद पर वर्तमान महामंत्री अजय नारायण सिन्हा और शिक्षा जगत से जुड़े मनोज कुमार सिन्हा के बीच सीधा मुकाबला है। अजय नारायण सिन्हा वर्षों से एसोसिएशन के विभिन्न पदों पर आसीन रहे हैं और उनके कार्यकाल में एसोसिएशन ने कई उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। पेशे से वकील अजय सिन्हा का वकालत के क्षेत्र में भी खासा प्रभाव है। दूसरी ओर मनोज कुमार सिन्हा एक शिक्षाविद् हैं और एसोसिएशन में एक नया, ऊर्जावान नेतृत्व देने का वादा कर रहे हैं। मतदाताओं के बीच बातचीत से यह संकेत मिल रहा है कि इस बार वे बदलाव की ओर झुक रहे हैं और एक नए चेहरे को मौका देने के पक्ष में हैं।

महामंत्री पद: त्रिकोणीय संघर्ष
महामंत्री पद के लिए मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है। वर्तमान संगठन मंत्री अजय कुमार श्रीवास्तव, वर्तमान कोषाध्यक्ष विजय कुमार और समाजसेवी अजीत कुमार मैदान में हैं। तीनों उम्मीदवारों की अपनी-अपनी छवि और समर्थक वर्ग है। यह पद सबसे अधिक अनिश्चितता भरा माना जा रहा है क्योंकि मतदाता अभी भी अपने निर्णय को लेकर असमंजस में हैं। यहां अंतिम समय में समीकरण बदलने की पूरी संभावना है।

संगठन मंत्री पद: युवा जोश बनाम अनुभवी नेतृत्व
संगठन मंत्री पद पर मुकाबला सबसे अधिक चर्चित हो गया है। वर्तमान मंत्री सत्येंद्र कुमार पिंकू, जो पिछले दो दशकों से एसोसिएशन में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं, उन्हें इस बार कड़ी टक्कर मिल रही है। उनके सामने हैं चंद्रशेखर कुमार उर्फ चंदू जी, जो खेल जगत में अपने योगदान के लिए जाने जाते हैं और युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं। खासकर खेल से जुड़े कायस्थ युवाओं का उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है। यह मुकाबला पुराने बनाम नए नेतृत्व के बीच निर्णायक माना जा रहा है।
कोषाध्यक्ष पद: नया चेहरा बनाम पुराना अनुभव
कोषाध्यक्ष पद पर मुकाबला अजय कुमार और डॉ. कुमार के बीच है। इस पद पर मतदाताओं की प्राथमिकता नए चेहरे की ओर झुकी दिख रही है। डॉ. कुमार को नये दृष्टिकोण और पारदर्शिता के वादे पर समर्थन मिल रहा है, जबकि अजय कुमार भी अपने पुराने अनुभव को आधार बनाकर मैदान में डटे हैं।
अन्य पदों पर ठंडी प्रतिक्रिया
बाकी पदों के लिए मतदाताओं में विशेष उत्साह नहीं देखा जा रहा है। सारे समीकरण फिलहाल चार प्रमुख पदों के इर्द-गिर्द ही घूम रहे हैं।
मुज़फ़्फ़रपुर चित्रगुप्त एसोसिएशन के चुनाव इस बार केवल पदों की लड़ाई नहीं बल्कि विचार और नेतृत्व के बदलाव की दिशा में जाते प्रतीत हो रहे हैं। मतदाता इस बार परंपरा और अनुभव के साथ-साथ नये नेतृत्व को मौका देने के मूड में दिख रहे हैं। आने वाले कुछ दिन चुनावी फिज़ा को और गर्माने वाले हैं।





