मुजफ्फरपुर | चाय पर चर्चा कार्यक्रम के 15वें संस्करण का आयोजन कल्याणी बम पुलिस चौकी के समीप किया गया, जहाँ वार्ड 23 एवं आसपास के मोहल्लों के नागरिकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस संवादात्मक चर्चा में शहर के विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक जिम्मेदारी जैसे अहम मुद्दों पर खुलकर राय रखी गई।

इस अवसर पर डॉ. गौरव वर्मा ने विशेष तौर पर शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में मुजफ्फरपुर की स्थिति पर चिंता जताई। उन्होंने कहा, “आज भी हमारे बच्चे और मरीज दूसरे शहरों में भटकते हैं। क्यों न हम खुद अपने बिहार, अपने मुजफ्फरपुर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करें?”

डॉ. वर्मा ने यह भी याद दिलाया कि “शहर को स्वर्गीय रघुनाथ पांडे जैसे दूरदर्शी नेताओं ने योजनाबद्ध रूप से बसाया था, लेकिन उसके बाद कोई नेता शहर की समग्र विकास योजना को आगे नहीं बढ़ा सका। सिर्फ सड़क और नल बनाने से जनता का वास्तविक विकास नहीं होता।”

चर्चा में यह बात भी उभर कर सामने आई कि आम जनता वोटिंग के समय अक्सर जाति, धर्म, टोला-मोहल्ला जैसे मुद्दों में उलझ जाती है। डॉ. वर्मा ने अपील की कि “हमें इन सीमाओं से ऊपर उठकर वोट देना चाहिए। पार्टी, जाति या धर्म से ज़्यादा ज़रूरी है कि उम्मीदवार की नीयत, समझ और कार्यशैली कैसी है।”






उन्होंने कहा, “जब भी वोट दें, दिल पर हाथ रख कर सोचें कि क्या वो उम्मीदवार हमारे बच्चों की शिक्षा, हमारे परिवार की सेहत और हमारे शहर की सुरक्षा को बेहतर बना सकता है?”
इस कार्यक्रम में शामिल स्थानीय लोगों ने भी शहर की समस्याओं को साझा किया और भविष्य में इस तरह की और बैठकों की आवश्यकता जताई। “चाय पर चर्चा” मुहिम धीरे-धीरे एक जन-जागरूकता आंदोलन का रूप लेती जा रही है, जो जनता को केवल सवाल पूछने की नहीं, बल्कि सोचने और जिम्मेदारी से निर्णय लेने की प्रेरणा दे रही है।






