मुजफ्फरपुर में बदलाव यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने लालू-नीतीश और मोदी पर बोला तीखा हमला, बोले – इस बार जात-पात नहीं, बच्चों की पढ़ाई और रोजगार पर करें वोट

जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शनिवार को अपनी ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट विधानसभा क्षेत्र के जारंग उच्च विद्यालय मैदान में एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार की मौजूदा राजनीतिक व्यवस्था, बेरोजगारी, शिक्षा और पलायन को लेकर तेज तर्रार शैली में सरकारों को आड़े हाथों लिया।

प्रशांत किशोर ने कहा,
“बिहार के लोगों ने अब तक कभी अपने बच्चों के लिए वोट नहीं दिया। मंदिर के लिए वोट दिया – वो बन गया। जाति के नाम पर वोट दिया – जाति गणना हो गई। लेकिन आपके पढ़े-लिखे बच्चे गुजरात, पंजाब की फैक्ट्रियों में मजदूरी कर रहे हैं, क्योंकि आपने कभी बच्चों के भविष्य को लेकर वोट नहीं किया।”
🗣️ लालू यादव पर साधा सीधा निशाना
प्रशांत किशोर ने राष्ट्रीय जनता दल और उसके नेता लालू प्रसाद यादव पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा,
“लालू जी अपने 9वीं फेल बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं, लेकिन जिनके बच्चे B.A., M.A. कर चुके हैं, वो बेरोजगार घूम रहे हैं। बिहार के लोगों को अब समझना चाहिए कि असली चिंता बच्चों की होनी चाहिए, न कि किसी नेता के परिवार की।”
📢 प्रशांत किशोर के बड़े वादे – रोजगार, शिक्षा और पेंशन पर घोषणाएं
गायघाट की सभा में प्रशांत किशोर ने जनता से कई ऐतिहासिक वादे किए:
दिसंबर 2025 से 60 साल से ऊपर के हर महिला-पुरुष को 2000 रुपए मासिक पेंशन। छठ पर्व के बाद बिहार के युवाओं को अपने ही राज्य में मिलेगा 10-12 हजार रुपए का रोजगार। 15 साल से कम उम्र के बच्चों को निजी स्कूलों में भी मुफ्त शिक्षा, सरकार भरेगी फीस।
उन्होंने कहा कि जब तक सरकारी स्कूलों की स्थिति नहीं सुधरती, तब तक गरीब का बच्चा भी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में पढ़े – यही उनकी प्राथमिकता होगी।

🧭 ‘नेताओं का चेहरा नहीं, बच्चों का भविष्य देखकर दें वोट’
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जाति, धर्म, मंदिर और चेहरों की राजनीति से ऊपर उठें और बच्चों की शिक्षा और रोज़गार के नाम पर वोट करें।
“बिहार में व्यवस्था बदलनी है तो पहले सोच बदलनी होगी। अगली बार चुनाव में जात नहीं, अपने बच्चों के लिए वोट दीजिए। तभी बिहार बदलेगा।”
📍 माहौल रहा पूरी तरह जनतामुखी
सभा के दौरान प्रशांत किशोर ने जनता से सीधे संवाद किया, सवालों के जवाब दिए और अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि वे पिछले 3 वर्षों से गाँव-गाँव घूमकर बिहार के हालात को महसूस कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि अगर उन्हें मौका मिला तो बिहार में नई राजनीति की शुरुआत होगी।
प्रशांत किशोर की यह सभा सिर्फ एक राजनीतिक भाषण नहीं, बल्कि जन-जागरण का प्रयास बनती जा रही है। गायघाट से उठी यह आवाज़ आने वाले विधानसभा चुनावों में नया मोड़ ला सकती है – जहाँ मुद्दा होगा नौकरी, शिक्षा और बच्चों का भविष्य, ना कि जाति या परिवारवाद।

