MUZAFFARPUR : शांतिपूर्ण-निष्पक्ष मतदान को लेकर आयोग कृतसंकल्पित, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने लिया चुनावी तैयारियों का जायज़ा

MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : लोकसभा चुनाव की रणभेरी बजते ही भारत निर्वाचन आयोग समेत तमाम प्रशासनिक अमला चुनावी तैयारियों में व्यस्त हो गया है. इस बीच लोकसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा करने राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एच आर श्रीनिवास पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत गुरुवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे. समाहरणालय सभागार में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की अध्यक्षता में चुनावी तैयारियों हेतु विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा व समीक्षा की गयी.

समीक्षा में आदर्श आचार संहिता, विधि व्यवस्था संधारण, शस्त्र अनुज्ञप्ति, शस्त्र दुकानों का सत्यापन, लंबित वारंटों का निष्पादन, अवैध शराब की बरामदगी एवं विनष्टीकरण, सेक्टर दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति, व्यय अनुश्रवण हेतु फ्लाइंग स्कवायड एवं एसएसटी टीम के गठन की स्थिति, सी-विजिल के तहत प्राप्त शिकायतों का निपटारे की अद्यतन स्थिति, मतदान प्रभावित करने वाले अराजक तत्वों पर कार्रवाई, मतदाता सूची, स्वीप कार्यक्रम की गतिविधि, कंट्रोल रूम, उम्मीदवारों के नामांकन की तैयारी, सुरक्षाबलों की तैनाती, संवेदनशील व नक्सल प्रभावित मतदान केंद्र, वज्रगृह की सुरक्षा व्यवस्था, मतगणना केंद्र, जिला मतदाता सहायता केंद्र, सिंगल विंडो सिस्टम, कार्मिक व प्रशिक्षण सम्बन्धी आदि कई मुद्दों पर समीक्षा की गयी.
समीक्षा बैठक के दौरान अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार सिंह, व बालामुरुगन डी, एडीजी कुंदन कृष्णन, आईजी ऑपरेशन सुशील मान सिंह खोपड़े, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, और वैशाली के जिला निर्वाचन पदाधिकारी, प्रमंडलीय आयुक्त नर्मदेश्वर लाल, मयंक वरवाड व लोकेश सिंह, दरभंगा व सारण जोन के पुलिस महानिरीक्षक पंकज दराद, तिरहुत प्रक्षेत्र के जोनल आईजी नय्यर हसनैन खान, मुजफ्फरपुर व दरभंगा के एसएसपी व सिटी एसपी, सारण, वैशाली, सीतामढ़ी व मधुबनी के एसपी और उपरोक्त जिलों के उप निर्वाचन पदाधिकारी आदि उपस्थित थे.
समीक्षा बैठक के उपरांत राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एच आर श्रीनिवास ने मीडिया को सम्बोधित करते हुए कहा की निष्पक्ष, भयमुक्त और शांतिपूर्ण माहौल में चुनाव संपन्न कराना प्राथमिकता है. उन्होंने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में प्रतिशत मतदान कराने को लेकर कहा की नक्सल प्रभावित और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की जाएगी, जिससे मतदान के दौरान किसी तरह का कोई व्यवधान पैदा न हो सके. संवेदनशील इलाकों में सम्बंधित जिले के डीएम व एसपी की अनुशंसा पर ज़रूरत के हिसाब से सुरक्षा प्रबंध करने के निदेश दिए गए हैं. चुनाव आयोग की भी नज़र सम्वेदनशील इलाकों पर है.
उन्होंने फ्लाइंग स्क्वॉड टीम एवं सेक्टर अधिकारीयों के गतिविधियां बढ़ाने की बात कही. इस बार भी नए मतदाताओं को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 2018 में लागू स्वीप कार्यक्रम के तहत शत प्रतिशत मतदान करवाने हेतु व्यापक रूप से प्रचार प्रसार किया जा रहा है, मतदाताओं के बीच ज़्यादा से ज़्यादा मतदान करने हेतु प्रेरित किया जा रहा है. भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्येक जिलों में जिला आइकॉन की भी नियुक्ति की गयी है. सिनेमा घरों में मतदान सम्बन्धी प्रचार प्रसार किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आयोग के मतदाता हेल्पलाइन नंबर 1950 के माध्यम से भी मतदाता चुनाव प्रक्रिया संबंधी शिकायत एवं सुझावों से आयोग को अवगत करा सकते हैं. आयोग द्वारा एसएमएस सेवा की भी शुरुआत की गई है, इनके माध्यम से मतदाता अपने मतदान केंद्र, बीएलओ, निर्वाचन अधिकारी के सम्बंधित जानकारी हासिल कर सकते हैं.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने जिला निर्वाचन पदाधिकारियों को ईवीएम-वीवीपैट के रख-रखाव, सुरक्षा और रेंडमाइजेशन को लेकर आवश्यक निर्देश दिए. भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार लोकसभा चुनाव के मतदान प्रक्रिया में ईवीएम के साथ वीवीपैट मशीन को भी जोड़ा जाएगा. यह निर्णय भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव प्रक्रिया को पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न करवाने के लिए लिया गया है. इसका उद्देश्य आमजन की ईवीएम के प्रति फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करना भी है. उन्होंने  बताया कि ईवीएम को वीवीपैट मशीन से जोड़ने के बाद मतदाता को मतदान करने के छह सेकेंड बाद एक स्लीप के माध्यम से यह जानकारी भी मिलती है कि उसने अपना मतदान किस प्रत्याशी के चुनाव चिन्ह पर किया है.
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने  प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को रिझाने और अपने पक्ष में करने को लेकर पैसा, शराब और सामान इत्यादि बांटने के सवाल पर आयोग की तैयारियों के बारे में सवाल पूछे जाने पर बताया की चुनाव आयोग द्वारा सी-विजिल नामक एक एप विकसित की गयी है. जो किसी भी एंड्रॉइड मोबाइल में डाउनलोड किया जा सकता है. इसकी मदद से फोटो, वीडियो के माध्यम से शिकायतकर्ता शिकायत दर्ज़ करा सकते हैं. शिकायत दर्ज होते ही 30 मिनट के अंदर सूचनाकर्ता के अक्षांश देशांतर के आधार पर जिला प्रशासन द्वारा फ्लाइंग स्क्वायड टीम (एफएसटी) घटनास्थल पर सत्यता की पड़ताल करेगी. जांच सही पाए जाने पर इसकी रिपोर्ट जिला निर्वाचन शाखा को भेज कर समीक्षा के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. कार्रवाई की सूचना शिकायतकर्ता के मोबाइल पर पहुँच जाएगी. ये सारी प्रक्रिया और कार्रवाई 100 मिनट की अवधि के अंदर ही पूरी की जाएगी. इस एप के माध्यम से आप भी प्रशासन को आचार संहिता उल्लंघन के मामले भेज सकते हैं. इसमें आपका नाम गाेपनीय रखा जाएगा, अब सी-विजिल ऐप के जरिए फास्ट ट्रैक शिकायत प्राप्ति और समाधान प्रणाली से प्राप्त शिकायतों पर सौ मिनट में कार्रवाई संभव हो सकेगी.
उन्होंने चुनाव के दौरान धन, बल, शराब व पैसे बाँट कर, धमकी दे, दिलवा कर मतदाताओं को पक्ष में करने वालो पर नज़र रखने के लिए मुजफ्फरपुर और वैशाली में 81 अस्सिटेंट ऑब्जर्वर नियुक्त करने की बात कही. उन्होंने बताया की मुजफ्फरपुर व वैशाली के सभी प्रखंडों में 5-5 अस्सिटेंट ऑब्जर्वर के साथ ही एक अवर निरीक्षक व दो जवानो की प्रतिनियुक्ति की गई है. मुजफ्फरपुर जिले में स्वतंत्र, निष्पक्ष, और भयमुक्त चुनाव के मद्देनज़र सुरक्षा व्यवस्था हेतु 17 कम्पनियाँ तैनात की जाएँगी. जिसमें सीआईएफएस की 3 कंपनी, उत्तराखंड सैप की 5 कंपनियां और हिमाचल सैप की 3 कंपनियों की तैनाती की जाएगी.

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