
MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : लोकसभा चुनाव 2019 में आज के बाद राजनीतिक हलकों में गर्माहट बढ़ गई है. एक तरफ जहां मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से एनडीए ने बीजेपी प्रत्याशी अजय निषाद को खड़ा किया है वहीं दूसरी तरफ महागठबंधन की तरफ से वीआईपी पार्टी के उम्मीदवार राज भूषण चौधरी निषाद मैदान में उतारे गए हैं.

गन्नीपुर स्थित लाॅ कालेज सभागार में भारतीय कल्याण मंच मुजफ्फरपुर के बैनर तले शहर के तमाम वर्ग के बुद्धिजीवियों की बैठक के बाद एनडीए और महागठबंधन के प्रत्याशियों को कांटे की टक्कर देने के लिये शहर के जाने-माने चेहरे आशुतोष शाही को निर्दलीय मैदान में उतारा है. संगठन का मानना है कि राजनीतिक दल, वंशवाद जातीय समीकरण और मनमाने ढंग से टिकट का बंटवारा करती है जिसके विरोध में मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट से दलों और जातीय समीकरण से उठकर सर्वसम्मति से निर्दलीय प्रत्याशी आशुतोष शाही को उम्मीदवार घोषित किया है.

आशुतोष शाही के निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद मुजफ्फरपुर के राजनीतिक गलियारों में हलचल बढ़ गई है अब देखना दिलचस्प होगा ऊंट किस तरफ करवट बैठता है. बाकी जनता जनार्दन की बात है और उन्हीं के हाथों में जीत और हार का दारोमदार है.

इस मौके पर निर्दलीय प्रत्याशी आशुतोष शाही ने अपनी जीत का दावा करते हुये कहा कि वे दोनों गठबंधन से सबसे आगे पाएंगे. उन्होंने कहा कि दोनों प्रत्याशी किसी पार्टी विशेष के प्रत्याशी हैं जिन्हें जनता अपने वोट से संसद तक पहुंचाती है इस बार लोकसभा के सभी वर्ग के बुद्धिजीवी मतदाताओं ने दोनों प्रत्याशियों को नकार दिया है और अपने बीच का प्रत्याशी जनता के समक्ष खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि जनता ने अपने प्रत्याशी के रूप में चुनाव करते हुए मेरे नाम पर मुहर लगाई है. मैं जनता के लिए उनके हक की लड़ाई एक सिपाही बंद कर लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हूं उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर को जिले का अपना प्रत्याशी चाहिए. शहर की जनता ने यह तय किया है कि किसी बाहरी को नहीं अपितु शहर के और जाने पहचाने व्यक्ति को ही उम्मीदवार के रुप में चुनावी मैदान में उतारेंगे.

उन्होंने कहा कि शहर को विकास की गति प्रदान करने वाला सांसद चाहिए पिछले कई वर्षों से बाहर के लोग चुनाव के वक्त नजर आते हैं और हम जैसे लोगों ने चुनकर पद पर बिठाते हैं वही लोग चुनाव जीतने के बाद जनता के मालिक बन बैठते हैं, अब समय आ गया है कि मालिकवाद और थोपी हुई राजनीति के विरोध में हम सब खड़े हों.

उन्होंने एक स्वस्थ समाज निर्माण की बात कहते हुए कहा कि चुनाव जीतने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता सामाजिक सौहार्द के साथ जिले के विकास का मुद्दा होगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मर्यादाओं का जो हनन हो रहा है उस दिशा में कार्य करते हुए समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर विकास का मुद्दा उठाएंगे. उन्होंने कहा कि विगत पिछले 20-25 वर्षों से जिले के किसी भी क्षेत्र में विकास का कार्य नहीं हो सका है.

उन्होंने कहा कि जनता ने भरोसा किया है और उनके भरोसे को कायम रखते हुए शहर के विकास की धीमी गति को गति प्रदान करते हुए शहर को विकास की बुलंदियों पर पहुंचाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा.

उन्होंने जीतने के उपरांत जात-पात वंशवाद की व्यवस्था खत्म करने और युवाओं में बेरोजगारी की समस्या को दूर करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि आज सभी नेतागण स्थापित है और अपनी राजनीतिक लाभ के लिए युवाओं को दिग्भ्रमित कर रहे हैं, युवाओं को रोजगार के बदले पथभ्रष्ट किया जा रहा है. मैं वैसे तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिलवाने का पूरा प्रयास करूंगा. उन्होंने कहा कि जाति धर्म से ऊपर उठकर शहर के हर वर्ग हर तबके के बुद्धिजीवियों ने मुझे अपना उम्मीदवार घोषित किया है इससे क्या ज्ञात होता है कि शहर में जाति मजहब की राजनीति नहीं चलेगी.

इस मौके पर शहर के हर वर्ग के बुद्धिजीवी व गणमान्य लोग उपस्थित रहें, जिसमें मुख्य रूप से लछनदेव प्रसाद सिंह, मुकेश ठाकुर, जितेंद्र पांडेय, वैभव मिश्रा, संजय चौधरी, आदित्य किशोर शाही, बंटी चौधरी, साकेत शुभम, अविनाश आदि की मौजूद रहें.
