गुजरातियों के खौफ से भाग रहे बिहारी

गुजरात के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 माह की अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म की वारदात के बाद भड़की हिंसा और उपद्रव की आंच अब राजधानी अहमदाबाद समेत राज्य के अलगअलग हिस्सों तक पहुंच चुकी है.*

हम भईया लोग तो हर जगह पिट जाते हैं सर‘ … इतना कहतेकहते गुड्डू रो पड़ा. वो पिटा इसलिए, क्योंकि वो बिहारी है, लेकिन उसके चेहरे पर दिख रहा दर्द और डर अब धीरेधीरे इसलिए कम हो रहा था, क्योंकि वो गुजरात के जानलेवा माहौल से निकलकर लगभग अपने घर और बिहार पहुंच चुका है. गुजरात से आने वाली ट्रेन अहमदाबादगोरखपुरपटना में सफर कर रहे यात्रियों के चेहरे पर थकान से ज्यादा डर और खौफ दिख रहा था.

जब हम उनके साथ हुई आपबीती को जानने इस ट्रेन में सवार हुए तो कई किस्से सामने आए. गुड्डू को बिहारी भईया कहकर पीटा गया तो अमित ने अपने आप को फैक्ट्री में कैद कर पिटने से बचाया. गुजरात में बच्ची से रेप के बाद बिहार के लोगों का पलायन किस कदर जारी है, इसका अंदाजा वहां से आने वाली ट्रेनों से लग रहा है. स्लीपर क्लास के तीन टिकट पर यात्रा करने वाले छह लोग हों या फिर ट्रेन के जनरल कोच के टॉयलेट में खड़े होकर यात्रा करने वाले लोग, सबकी जुबान पर एक ही बात हैजान बची तो लाखों पाए.

गुजरात के साबरकांठा जिले में 28 सितंबर को 14 माह की अबोध बालिका के साथ दुष्कर्म की वारदात के बाद भड़की हिंसा और उपद्रव की आंच अब राजधानी अहमदाबाद समेत राज्य के अलगअलग हिस्सों तक पहुंच चुकी है जिससे लोग वहां से पलायन को मजबूर हैं. 50 किलोमीटर और एक घंटे के सफर में हमने स्लीपर क्लास से लेकर जेनरल क्लास के डब्बे में सफर कर रहे लोगों से वहां की स्थिति को जाना तो पटना स्टेशन पर एसी बोगी से निकलने वाले कुछ परिवार भी इस भीड़ को दिवालीछठ की बजाए गुजरातियों के खौफ वाली भीड़ बताते दिखे.

बच्ची से हुई रेप की घटना के बाद गुजरात से हिंदी भाषी राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश और बिहार के लोगों पर हमलों का पलायन जारी है. दिवाली और छठ के लिए दो महीने पहले टिकट बुक करा चुके लोग अपने परिवार को लेकर वहां से पहले ही अपने घरों को लौट रहे हैं, क्योंकि किसी इलाके में उपद्रवियों ने 15 अक्टूबर तो किसी इलाके में 12 अक्टूबर तक का टाइम दिया है. भय और डर इसलिए दोगुणा हो रहा है, क्योंकि अब मोहलत देने वाले में उन लोगों के मकान मालिक भी हैं जिन मकान के छोटे से कमरे के लिए वो बिहारी भईया से मुंह मांगी कीमत मांगते हैं.

आपलोग क्या वापस से गुजरात जाएंगे, इस सवाल को पूछने पर वहां से लौट रहे बिहार के लोगों ने जो कहा, वो सच में अपने आप में एक सवाल थाउनका जवाब थाघर में रोटी मिलती तो हम थोड़े जाते, पापी पेट का सवाल है, वरना घर किसे नहीं अच्छा लगता. कुछ लोगों को वापस गुजरात जाने का भरोसा है तो किसी ने पिटाई खाने के बाद वहां वापस नहीं जाने की कसम खा ली..

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