जबलपुर-मुंगेर AK-47 तस्करी मामले में पटना पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है. पटना पुलिस ने इस मामले के मुख्य आरोपी मंजर आलम को गिरफ्तार कर लिया है. पटना पुलिस ने मंजर आलम को शहर के बुद्धा कॉलोनी इलाके से गिरफ्तार किया. मंजर के पास से पुलिस ने पिस्टल भी जब्त किया है जो कि मुंगेर में ही बना है.
मंजर की गिरफ्तारी के बाद एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में पूछताछ जारी है. मंजर एके-47 की तस्करी का मास्टरमाइंड है. उसका साला मोनाजिर हज़ारीबाग़ से पकड़ा गया था जो कि नक्सलियों को एके-47 पहुंचाने में लॉजिस्टिकल सपोर्ट देता था. पटना पुलिस ने मुख्य आरोपी मंजर आलम के पकड़े जाने की सूचना मुंगेर पुलिस को दे दी है. बिहार के मुंगेर में अब तक 20 से ज्यादा एके-47 बरामद की जा चुकी हैं.

गौरतलब है कि गुप्त सूचना के आधार पर मुंगेर पुलिस की टीम ने बरदह गांव से 12 AK-47 रायफल बरामद किया था, जो एक कुएं में छिपाकर रखी गई थी. इससे पहले भी आठ AK-47 बरामद की जा चुकी हैं. कुल मिलाकर अब तक 20 AK-47 रायफलों की बरामदगी ने पुलिस प्रशासन की नींद उड़ा दी थी.
जब 29 अगस्त को जमालपुर रेलवे स्टेशन के बाहर मोहम्मद इमरान को संदिग्ध अवस्था में दो बाइक सवार जवानों ने पकड़ा तब तक कतई ये अंदेशा नहीं था कि ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा हो जाएगा. इमरान के सूटकेस से तीन एके-47 मिले और उसके बाद मामला परत दर परत उजागर हुआ तो जांच एजेंसियों के होश उड़ गए.
जबलपुर डिपो से 2012 से 2018 के बीच 100 से ज्यादा एके 47 रायफल गायब किए गए. इसमें वहां से रिटायर पुरुषोत्तम रजक और ऑर्डनेंस डिपो के सिविल कर्मचारी सुरेश ठाकुर की मिलीभगत ने अहम भूमिका निभाई. पुरुषोत्तम अपनी पत्नी चंद्रावती के साथ एके-47 जमालपुर स्टेशन लाता था और यहां से मुंगेर सिंडिकेट उसे रिसीव करता था. जबलपुर पुलिस पुरुषोत्तम, चंद्रावती और सुरेश को गिरफ्तार कर चुकी है. मुंगेर से इमरान की निशानदेही के बाद शमसेर के पास से तीन एके 47 मिला. मामले की संवेदनशीलता तब सामने आई जब शमसेर के भाई और भारतीय सेना के जवान रियाजुल की भूमिका भी इसमें सामने आई और उसे बागडोगरा कैंप से गिरफ्तार किया गया.