भारत में देश की सुरक्षा के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। बुधवार को देश का पहला कंबाइन्ड ट्राइ सर्विस कमांडो फोर्स (संयुक्त त्रि-सेवा कमांडो बल) का गठन हुआ है। इस फोर्स में थल सेना, वायु सेना और नौसेना के अधिकारियों को शामिल किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते साल इस संयुक्त बल को गठित करने की मंजूरी दी थी। इसमें आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल ऑपरेशन्स डिवीजन (एएफएसओडी) की अध्यक्षता मेजर जनरल एके ढींगरा करेंगे। ये इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ (आईडीएस) के तहत काम करेगा।

इस डिवीजन के देश के भीतर और बाहर आतंक-रोधी अभियान शुरू करने के लिए पहली पसंद बनने की उम्मीद है। इसमें नौसेना के मरीन कमांडो, वायु सेना के गरुड़ और विशेष बलों से करीब तीन हजार कमांडो को शामिल किया जाएगा। फिलहाल रक्षा के तीन प्रभागों के विशेष बल अलग-अलग कमांड संरचना के तहत काम कर रहे हैं।

यूनीफाइड स्पेशल फोर्सेज के गठन की योजना का प्रस्ताव साइबरस्पेस, अंतरिक्ष और विशेष अभियानों के महत्वपूर्ण डोमेन को संभालने के लिए बीते साल रखा गया था। रक्षा मंत्रालय ने इस महीने की शुरुआत में रियर एडमिरल मोहित गुप्ता को डिफेंस साइबर एजेंसी (डीसीए) के प्रमुख के तौर पर नियुक्त करने की मंजूरी दी है।

वहीं एयर वाइस मार्शल एसपी धाकड़ डिफेंस स्पेस एजेंसी (डीएसए) के प्रमुख के तौर पर काम करेंगे। हालांकि उनके नाम की अभी औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। माना जा रहा है कि तीनों एजेंसियों का परिचालन अक्तूबर से नवंबर के बीच शुरू हो जाएगा।
