MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : विगत 10 दिनों पूर्व गोला रोड के लापता व्यवसायी मामले में वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार द्वारा गठित पुलिस टीम ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले का पटाक्षेप कर दिया. गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने बकाया पैसे को लेकर व्यवसायी की हत्या की बात कबूलते हुये श’व ठिकाने लगाने की भी जानकारी पुलिस टीम को दी है. साथ ही आरोपियों की निशानदेही पर पुलिस टीम ने व्यवसायी की बाईक समेत अन्य सामान बरामद कर लिया है. 12 घंटों से पुलिस और एसडीआरएफ की टीम श’व की तलाश में जुटी है.
वरीय पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार ने बताया कि लापता व्यवसाई की सकुशल बरामदगी हेतु सिटी एसपी नीरज कुमार सिंह के नेतृत्व में पुलिस उपाधीक्षक नगर मुकुल रंजन, नगर थाना अध्यक्ष ओम प्रकाश, सिकंदरपुर के अध्यक्ष शंभू कुमार, नगर थाना के दरोगा जिन्ना खान समेत इंटेलिजेंस यूनिट को सम्मिलित कर एक टीम का गठन किया गया.
गठित पुलिस टीम ने मानवीय श्रोतों और तकनीकी दृष्टिकोण से अनुसंधान करते हुए कई स्थानों के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया. इस दौरान तकनीकी साक्ष्य मिलने पर यादव नगर के समीप से करजा थाना क्षेत्र के मड़वन भोज निवासी रविंद्र सिंह के पुत्र निरंजन सिंह को हिरासत में लिया गया. तलाशी के दौरान उसके पास से लापता व्यवसायी का मोबाइल बरामद हो गया.

कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली इसके साथ ही अहियापुर थाना क्षेत्र के छींट भगवतीपुर स्थित राजकुमार पासवान के दालमोट फैक्ट्री पर छापेमारी कर लापता व्यवसायी की बाइक बरामद की गई, इसके साथ ही मौके पर मीनापुर थाना क्षेत्र के पड़ना श्री राम निवासी मन्ना पासवान के पुत्र राजकुमार पासवान को गिरफ्तार कर लिया गया. राजकुमार पासवान दालमोट फैक्ट्री का संचालक बताया जाता है.

गिरफ्तार दोनों आरोपियों ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया कि 10 मई से लापता तेल डालडा व्यवसायी छोटन चौधरी 10 मई की रात्रि दुकान बंद कर रिफाईन तेल के बकाया राशि 60 हजार रुपये के तगादा हेतु राजकुमार पासवान की दालमोट फैक्टरी पर रात्रि 10:15 बजे पहुंचे. बार-बार के तगादे से तंग आकर कारखाना संचालक राजकुमार पासवान और उसके कर्मचारी निरंजन सिंह ने पूर्व नियोजित योजनानुसार उसे मौत के घाट उतार दिया.

10-11 मई की देर रात्रि लगभग 3:30 बजे दालमोट/मिक्सचर सप्लाई करने वाली तीन पहिया मालवाहक ऑटो से उन्हें सिकंदरपुर ओपी थाना क्षेत्र के पश्चिम जाने वाली बांध पर काली मंदिर के पास टर्निंग के समीप शव को बांध से नीचे बूढी़ गंडक नदी में फेंक दिया. उक्त स्थानों के सीसीटीवी फुटेज में इस घटना की पुष्टि भी हुई है. गिरफ्तार निरंजन की निशानदेही पर उक्त स्थल से व्यवसायी के दुकान की चाबी, ड्राइविंग लाईसेंस, घड़ी समेत अन्य सामान बरामद करने के उपरांत यह सुनिश्चित हो गया कि अपराधकर्मियों ने श’व को उक्त स्थल पर ही ठिकाने लगाया है.

रविवार की अहले सुबह से ही डीएसपी पूर्वी कुंदन कुमार की मौजूदगी में पुलिस उपाधीक्षक नगर मुकुल रंजन के नेतृत्व में मुशहरी थाना, नगर थाना, काजी मोहम्मदपुर थाना, सिकंदरपुर ओपी थानों की पुलिस समेत एसडीआरएफ की टीम और प्रशिक्षित गोताखोर आश्रम घाट से लेकर कोठिया तक बूढ़ी गंडक नदी में सर्च ऑपरेशन चला कर शव की बरामदगी हेतु प्रयासरत है. 12 घंटे से अधिक भी जाने के बावजूद अब तक कोई सफलता हासिल नहीं हो सकी है बताया जा रहा है कि 8 दिन बीत जाने के उपरांत शव नदी की तेज धार में बह गई है.

एसएसपी मनोज कुमार ने बताया कि आरोपी निरंजन सिंह के जींस एवं शर्ट जिस पर मृतक के खून के निशान पाए गए हैं पुलिस टीम द्वारा साक्ष्य संकलन करते हुये उसे भी बरामद कर लिया गया है.

साथ ही शव को ठिकाने लगाने में इस्तेमाल किया गया मालवाहक ऑटो और अपराधकर्मियों के द्वारा हत्या के समय पहने गए कपड़े जिस पर मृतक के खून के निशान पाए गए हैं को भी बरामद कर लिया गया है. इधर एफएसएल की टीम ने दो घंटों तक घटनास्थल का बारीकी से जायजा लिया और कारखाने से ब्लड सैंपल समेत कई नमूने भी उठाए. एफएसएल जांचोपरांत पुलिस की मौजूदगी में उक्त कारखाना को सील कर दिया गया है. बताया जाता है कि दालमोट फैक्ट्री एक वार्ड पार्षद का है जिसने दालमोट/मिक्सचर फैक्ट्री संचालन हेतु 10 नवंबर 2017 से अगले 11 माह के लिये किराए पर दे रखा था.

सूत्रों के अनुसार 10 मई की रात्रि से व्यवसायी के लापता होने के उपरांत नगर थाना में 11 मई को मामला दर्ज हो जाने के बाद सर्वप्रथम बनारस बैंक चौक पर से सीसीटीवी फुटेज निकाला गया, जिसमें व्यवसायी के बनारस बैंक चौक पर देखे जाने की पुष्टि हुई. इसके उपरांत पुलिस टीम बनारस बैंक चौक से जाने वाले अलग अलग रास्तों के सीसीटीवी फुटेज निकलवाने की कवायद में जुट गई.

इसके उपरांत मारवाड़ी हाई स्कूल के पास स्थित एक विवाह भवन के सीसीटीवी फुटेज में व्यवसाई के पानी कल चौक की ओर जाने की पुष्टि हुई. मानवीय श्रोतों के आधार पर यह पता चला कि उक्त व्यवसाय छींट भगवतीपुर स्थित एक दालमोट/मिक्सचर फैक्ट्री में तगादा हेतु बराबर जाया करता था.

व्यवसायी जब दालमोट कारखाना पर पहुंचे थे उस वक्त उनकी जेब में दिनभर की बिक्री के लगभग 40 हजार रुपये थे. पैसे लेनदेन के विवाद को लेकर पहले दोनों के बीच झड़प हुई और कारखाना संचालक के नशे की हालत में होने की वजह से आवेश में आकर उनकी हत्या कर दी गई. हत्या उपरांत व्यवसायी की जेब में रखे रुपयों को मुख्य अभियुक्त राजकुमार ने अपने कर्मियों के बीच बांट कर शव को ठिकाने लगाने की जिम्मेदारी सौंपी. खबर लिखे जाने तक श’व बरामद नहीं हो सका था.



