किसी को भी एक क्लिक पर आसानी से मोबाइल वॉलेट पैसे ट्रान्सफर कर देता है। यह दुकानों पर भी भुगतान का एक बढ़िया विकल्प बन गया है। लेकिन इस पर भी आपको टैक्स देना पड़ सकता है। आयकर विभाग के नियम कुछ ऐसा ही कहते हैं।
क्या है नियम…
आयकर कानून के हिसाब से अगर कोई व्यक्ति अपने किसी दोस्त या फिर रिश्तेदार को मोबाइल वॉलेट के जरिए 50 हजार रुपये से ज्यादा का पैसा ट्रांसफर करता है, तो फिर उसको टैक्स देना होगा।

नियम के अनुसार कोई व्यक्ति पहले लिए गए उधार को मोबाइल वॉलेट के जरिए चुकाता है तो फिर उस पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा। ऐसे ट्रांजेक्शन या रिसीट्स गिफ्ट के तौर पर लिए जाते हैं। ऐसे गिफ्ट्स की कीमत अगर 50 हजार रुपये तक है, तो इस पर कोई टैक्स नहीं लगता। लेकिन अगर इससे ज्यादा बड़े अमाउंट का ट्रांजेक्शन किया जाता है तो वो पूरा अमाउंट टैक्स के दायरे में आता है।

अगर आयकर विभाग को लगता है कि यह भुगतान उधार चुकाने के लिए नहीं किया गया है, तो वो इसकी पुष्टि करने के लिए वो आपसे एक हलफनामा मांग सकता है। यह हलफनामा उस व्यक्ति को अपने दोस्त या फिर रिश्तेदार से लेना होगा, जिसमें यह लिखा होगा कि यह लिए गए कर्ज का सेटलमेंट था।
अगर किसी व्यक्ति ने 50 हजार रुपये से कम का भुगतान मोबाइल वॉलेट के जरिए किया तो उस पर किसी तरह का टैक्स या फिर पूछताछ नहीं होगी।