MUZAFFARPUR : जिले में अप’राधियों का तां’डव, बौनी साबित हो रही पुलिस

MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : स्मार्ट सिटी सूची में शामिल मुजफ्फरपुर अब क्रा’इम सिटी की ओर तेज़ी से अग्रसर है. पुलिस की सारी व्यवस्था इन शा’तिर अप’राधियों के सामने बौनी साबित हो रही है. अप’राधी इतने बे’खौफ नजर आने लगे हैं कि एक घटना सुलझती नहीं है कि दूसरी घटना को अं’जाम देकर पुलिस के लिए एक नयी मुश्किलें पैदा कर देते हैं. अप’राधकर्मी अब दिनद’हाड़े ही बिना किसी ड’र के लू’ट, स्नै’चिंग, म’र्डर जैसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं. बद’माशों के दुस्साहस का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे घरों के बाहर सैर कर रही महि’लाओं से चेन स्नैच करते हैं तो सरेआम दिनद’हाड़े व्यस्ततम इलाकों में भी लू’ट की वा’रदात को अंजाम देने से भी पीछे नहीं हट रहे. शहर के व्यस्ततम इलाकों में दिनद’हाड़े गो’लियां ब’रसाते इन अप’राधियों में पुलिस प्रशासन का कोई भ’य नज़र नहीं आता. सबसे बड़ी बात ये है कि न तो उन्हें पुलिस का खौ’फ है और न ही अपनी पहचान छुपाने की जरूरत. सीसीटीवी कैमरों में वार’दातें कैद होती हैं और पुलिस केवल बद’माशों के पीछे लकीर पिटती रह जाती है. इसी कारण हर दिन जिले में क्रा’इम ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है.

जब तक पुलिस घटनाओं की प्राथमिकी दर्ज कर अप’राधियों को चि’न्हित कर उन्हें पकड़ने की जद्दोजहद करती रहती हैं तब तक आप’राधिक घटनाओं को अंजाम दें अप’राधी न जाने किस बिल में जा छुपते हैं जहां से उन्हें बाहर निकालना पुलिस के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है. पिछले 72 घंटों के दौरान जिले में चार चार घट’नाओं को अंजाम देकर अप’राधियों ने अपनी मंशा का इजहार सा कर दिया है

बुधवार 12 जून को सश’स्त्र सु’पारी कि’लर ने ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के इमलीचट्टी में ट्रेवल एजेंट निशांत ठाकुर पर ह’त्या करने की नियत से ताब’ड़तोड़ गो’लियां चलायी. गंभीर स्थितियों में पटना रेफर निशांत ज़ि’न्दगी और मौ’त से जूझ रहा है. गुरुवार 13 जून को ब्रह्मपुरा थाना क्षेत्र के बृजबिहारी गली में मॉर्निंग वॉक के दौरान बाइक सवार उच’क्कों ने सुशीला देवी नामक एक वृद्ध महिला के गले से सोने का चेन छी’न लिया. दोपहर 12:30 बजे अहियापुर थाना के ओम बिल्डिंग के पास बेख़ौ’फ़ लु’टेरों ने तांड’व मचाते हुए महज 42 हज़ार रुपये लू’टने के क्रम में मोतिहारी के फेनहारा मधुपुर निवासी बंधन बैंककर्मी रंजन श्रीवास्तव पर ताब’ड़तोड़ गो’लियां ब’रसा दी. जिससे गंभीर स्थितियों में पटना ले जाते रास्ते में ही उन्होंने द’म तोड़ दिया. उसी रात काँटी के शेरना गांव के पास गुरुवार की देर रात बेख़ौ’फ़ बाइक सवार अप’राधियों ने राजद के दो नेता उमा शंकर प्रसाद राय और सुरेंद्र राय पर अंधा’धुंध फाय’रिंग कर गंभीर रूप से घायल कर दिया.
जिले में लगातार हो रही एक के बाद एक लू’ट और अन्य आप’राधिक घटना ने पुलिसिंग व्यवस्था को कठघरे में खडा दिया है. शहरवासी खासकर व्यवसायी वर्ग अपने को असुर’क्षित महसूस करने लगे हैं. हर वक्त लोगों के भीतर अप’राधियों का खौ’फ बरकरार है. पुलिस की ढीली का’र्यशैली के चलते जिले में लगातार अप’राध बढ़ रहा है. पिछले एक माह के दौरान लू’ट, फा’यरिंग, छि’नतई, चो’री की तीन दर्जन से अधिक घट’नायें घटित हुई हैं. कुछ मामलों को छोड़ अधिकतर वा’रदातों का खु’लासा नहीं हो सका है. बद’माश एक के बाद एक आप’राधिक वार’दातों को अंजाम दे कर पुलिस प्रशासन को खु’ली चुनौ’ती दे रहे हैं. बढ़ते अप’राध पर क्षेत्र के व्यापारियों व शहरवासियों में पुलिस के प्रति आक्रो’श है. पिछले केवल एक माह का ही रिकार्ड खंगाला जाए तो पता चलेगा कि आप’राधिक घटनाओं में बेत’हाशा वृद्धि हुई हैं. हालांकि सरकार व पुलिस-प्रशासन कानून-व्यवस्था की स्थिति पर पूर्ण नियंत्रण का दावा कर रहे हैं लेकिन आंकड़े कुछ और ही कह रहे हैं.
लगातार हो रही आप’राधिक वार’दात से पुलिस की कार्यप्र’णाली पर भी सवाल उठ रहे हैं. चाक चौबंद पुलिसिया व्यवस्था, मोबाइल गश्ती, अश्व मोबाइल, अत्या’धुनिक हथि’यार से लैस सीएसजी (कैश सेक्युरिटी ग्रुप) और बाइक सवार क्यूआरटी टीम, वरीय पुलिस पदाधिकारियों की सक्रियता के बावजूद बदमाश अब सरेआ’म वार’दातों को अंजाम देने लगे हैं. ऐसे में पुलिस पर सवाल तो उठेंगे ही. जिले की पुलिस वारदात होने के बाद जिले के चारों तरफ ना’काबंदी करने का दावा करती है लेकिन अभी तक एक भी मामला ऐसा नहीं आया है कि पुलिस ने तुरंत ना’काबंदी कर लू’ट, छि’नतई, ह’त्या, फा’यरिंग या डकै’ती के बाद भा’गे उस आरो’पी को पकड़ लिया हो. ऐसे में पुलिस को और ज्यादा सक्रिय होने की आवश्यकता है. पुलिस की इस सुस्त कार्रवाई के कारण ही बदमाश आसानी से वार’दात को अंजाम देकर फ’रार हो जाते हैं.
अपराध नियंत्रण की दिशा में केवल चौक-चौराहों पर वाहन जांच के तहत ड्राइविंग लाइसेंस, हेलमेट चेक कर चालान काटने भर से बाइकर गैंग के लु’टेरे/अप’राधियों पर नकेल नहीं कसा जा सकता. फूलप्रू’फ प्लानिंग नहीं होने और बाइकर गैं’ग के खिलाफ कोई ठोस रणनी’ति अपना कर कड़ी कार्रवाई नहीं किये जाने से अप’राधियों के हौसले बु’लंद होते जा रहे हैं. इसका जीता जागता उदाहरण जिले में हर दूसरे दिन देखने को मिल रहा है.
पुलिस दायित्व बोध से बचने के जो भी कारण गिनाए पर आम धारणा बन रही है कि अप’राध नियंत्रण की दिशा में पुलिस की रणनीति कारगर साबित नहीं हो रही. सक्रियता बढ़ाने के लिए इसकी कार्यशैली में बदलाव जरूरी हो गया है. पुलिस की भूमिका समाज में ऐसी होनी चाहिए कि जिसके नाम मात्र से आप’राधिक प्रवृत्ति के लोग अप’राध करने से पहले 10 बार सोचने पर विवश हो जायें कि अगर अप’राध के दौरान या बाद में पकड़े गये तो पुलिस की सख्त का’र्यवाही से उन्हें कोई बचा नहीं सकता. ऐसा करने के लिए पुलिस को अप’राधियों के दिल में खौ’फ पैदा करना पड़ेगा, पर ऐसा संभव नहीं लगता.

शहर के लगभग हर चौक चौराहे पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, इन कैमरों के लगने से शहरवासियों को उम्मीद जगी थी कि आप’राधिक घटनाओं में अब कमी आएगी और अप’राधक’र्मियों को वार’दात को अंजाम देने में डर लगेगा, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है. बल्कि अप’राध की घटनाएं पहले से ज्यादा बढ़ती ही जा रही है. जिला पुलिस द्वारा पूरे शहर में लगभग चार दर्जन से अधिक स्थानों पर लगे ये कैमरे तीसरी नजर रखे हुए हैं, लेकिन इसका कोई खास लाभ पुलिस को भी नहीं मिल पा रहा है. बदमाश बिना नकाब पहने ही वारदातों को अंजाम दे रहे हैं, उनके फोटो भी कैमरों में कैद हो रहे हैं, लेकिन पुलिस न तो उनकी पहचान कर पाने में सफल हो रही है और न ही उनको काबू कर पा रही है.

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