भारतीय सेना को श’क्तिशाली बनाने की क’ड़ी में उसे अपना पहला ल’ड़ाकू हेलीकॉप्टर अपाचे गार्जियन मिल गया है इसकी पहली खेप के तहत बोइंग एएच-64 ई अपाचे गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पहुंच गया है जहा इसे यहां से पंजाब के पठानकोट एयरबेस को रवाना किया जाएगा।

और यह वायुसेना के MI-35 चॉपर्स की जगह लेगा वही जानकारी के मुताबिक भारत को मशहूर अ’टैक हेलिकॉप्टर अपाचे की पहली किस्त के तौर पर 4 चॉपर मिल गए हैं और इसका निर्माण अमेरिका के एरिजोना में हुआ है। वही भारत ने अमेरिका के साथ 22 ऐसे हेलीकॉप्टर के लिए अनुबंध किया था और इससे पहले वायुसेना को चिकून हैवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर मिल चुका है और इसे दुनिया का सबसे ख’तरनाक मा’रक हेलिकॉप्टर माना जाता हैं.

यह सिर्फ हेलीकॉप्टर इजराइल मिस्र और नीदरलैंड के पास ही उपलब्ध है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि ये विमान पहाड़ों औऱ जंगलों में आ’तंकवादियों और दु’श्मनों से मु’क़ाबला करने के लिए भी कारगर होते हैं और इसके अलावा अपाचे हेलीकॉप्टर अमेरिकी सेना के एडवांस्ड अ’टैक हेलीकॉप्टर प्रोग्राम का हिस्सा है।

वही भारत ने बोइंग कंपनी से 22 AH-64E अपाचे अ’टैक हेलिकॉप्टर खरीदने का क’रार किया था औरइससे पहले मई में कंपनी ने भारत को एरिजोना में पहला अपाचे हेलिकॉप्टर सौंपा था और अब उस हेलिकॉप्टर समेत 4 विमान भारत आ पहुंचे हैं।
अमेरिकी कंपनी का AH-64 अपाचे दुनिया भर में मल्टि रोल युद्धक हेलिकॉप्टर के तौर पर जाना जाता है इस विमान को लंबे समय से अमेरिकी सेना में इस्तेमाल किया जा रहा है लेकिन अब इसका इस्तेमाल करने वाले देशों की संख्या लगातार ब’ढ़ती ही जा रही है। वही दुनिया भर में कंपनी ने अब तक 2,100 अपाचे हेलिकॉप्टर्स की सप्लाई की है और अमेरिकी सेना पहली बार 1984 में इस हेलिकॉप्टर को अपने बेड़े में शामिल किया था।
वही अपाचे पहला ऐसा हेलिकॉप्टर है जो भारतीय सेना में विशु’द्ध रूप से हमले करने का काम करेगा और भारतीय सेना रूस निर्मित एमआई-35 का इस्तेमाल वर्षों से कर रही है लेकिन यह अब रिटायरमेंट के कगार पर है।वही अपाचे को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि दुश्मन की किलेबं’दी को भे’दकर और उसकी सीमा में घु’सकर ह’मला करने में सक्षम है और इस घा’तक विमान से पीओके में आतं’की ठि’कानों को आसानी से त’बाह किया जा सकेगा।

वही अमेरिका ने अपने इस अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर को पनामा से लेकर अफगानिस्तान और इराक तक के साथ दुश्’मनों से लोहा लेने में इस्तेमाल किया और इजरायल भी लेबनान और गाजा पट्टी में अपने सैन्य ऑ’परेशनों में इसी अ’टैक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल करता रहा है।


