ऑलिव ऑयल तासीर में ठंडा और कई औषधीय गुणों से परिपूर्ण होता है। ऑलिव ऑयल में तीनों तरह के फैटी एसिड हैं- 11 प्रतिशत सैचुरेटिड फैटी एसिड, 73 प्रतिशत मोनो सैचुरेटिड फैटी एसिड यानी म्यूफा ऑलिक एसिड और 14 प्रतिशत प्यूफा यानी पॉली अनसैचुरेटिड फैटी एसिड। यह ऐसा तेल है, जिसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 है। इसमें विटामिन ए,डी, ई और के, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, एंटी ऑक्सिडेंट्स भी अच्छी मात्रा में मिलते हैं, जो कई गंभीर बीमारियों की रोकथाम में कारगर होते हैं।
एंटी ऑक्सिडेंट्स और विटामिन के और ई से भरपूर ऑलिव ऑयल शरीर में होने वाले क्रोनिक डिजीज के रिस्क को कम करता है। ये एंटी ऑक्सिडेंट्स एक्टिव कम्पाउंड होते हैं, जो हमारे शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स को शरीर से बाहर निकाल देते हैं। इससे शरीर में सूजन नहीं होती, ब्लड वैसल्स में कोलेस्ट्रॉल नहीं जमता और हार्ट की अनेक समस्याओं से हम सुरक्षित रहते हैं। यह कई क्रोनिक बीमारियों के उपचार में मदद करता है।

ऑलिव ऑयल एंटी बैक्टीरियल है, जो एच-पैलोरी नामक बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता। इससे पेट के कैंसर या अल्सर से बचाव होता है। एक्सट्रा वर्जन ऑलिव ऑयल में मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट और एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण बैक्टीरिया को पनपने नहीं देते, जिससे अल्सरेटिव कोलाइटिस के लक्षण नियंत्रित रहते हैं।
ऑलिव ऑयल ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में फायदेमंद है। यह शर्करा को नियंत्रित कर इंसुलिन के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ाता है। शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है।

अल्जाइमर न्यूरो-डिजेनरेटिव डिजीज है, जो ब्रेन सेल्स में अंदर बनने वाले मेटालॉयड सेल्स की वजह से होती है। ऑलिव ऑयल उन्हें नियंत्रित करता है। इसमें मौजूद ओलियोकैंथॉल तत्व अल्जाइमर बीमारी को रोकता है और दिमाग की कमजोरी दूर करने में मदद करता है। ऑलिव ऑयल से बने आहारों के नियमित सेवन से अल्जाइमर का खतरा काफी हद तक टल जाता है।
ऑलिव ऑयल में मौजूद हेल्दी मोनो सैचुरेटेड फैट शरीर में फैट को स्टोर नही होने देता, जिससे पेट की चर्बी और वजन कम करने में मदद मिलती है। इससे ओबेसिटी और उससे पैदा होने वाली बीमारियों को दूर रखा जा सकता है।

ऑलिव ऑयल में फैटी एसिड, आयरन और विटामिन ई भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। इसके सेवन से सूखे, बेजान, दोमुंहे और क्षतिग्रस्त बालों की सेहत सुधरती है। गर्म तेल की मालिश बालों को मजबूती प्रदान करती है और उन्हें घना बनाती है।
बरतें सावधानी
वैसे तो बाजार में कई तरह के ऑलिव ऑयल मिलते हैं, लेकिन जरूरी है कि वे गुणवत्ता के स्तर पर खरे उतरें। एक्स्ट्रा वर्जन ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल बेहतर माना जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिमाह 400 से 500 मि.ली. से अधिक तेल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, अन्यथा मोटापे समेत कई समस्याएं हो सकती हैं।
(अपोलो हॉस्पिटल की डाइटीशियन डॉ. छवि गोयल से की गई बातचीत पर आधारित)