खास सिजुआ में पुलिस पूछताछ के भ’य से फां’सी लगाने वाली नेहा कुमारी के मामले में रविवार को तेतुलमारी के एएसआई सत्येंद्र सिंह को लाइन क्लोज कर दिया गया। परिजनों ने आ’रोप लगाया था कि जब नेहा ने फां’सी लगाई थी, उस वक्त पुलिस उसके घर पर मौजूद थी।
फां’सी लगाने के बाद नेहा की मां उसे फं’दे से उतार रही थी, लेकिन पुलिस नेहा को फंदे से उतारने की जगह मोबाइल से फोटो खींच रही थी। एएसआई सत्येंद्र सिंह भी उस टीम में शामिल थे. रविवार को एसएसपी किशोर कौशल ने सत्येंद्र को लाइन क्लोज करते हुए पुलिस लाइन में योगदान देने का आदेश दिया है।
इस मा’मले की जांच ग्रामीण एसपी अमन कुमार कर रहे हैं। उन्होंने फिलहाल इस मामले में अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। माना जा रहा है कि ग्रामीण एसपी की रिपोर्ट सामने आने के बाद और पुलिस अफसरों पर का’र्रवाई की गाज गिर सकती है. नेहा ने 22 अगस्त की सुबह अपने घर के कमरे में फां’सी लगा ली थी। आनन-फानन में उसे असर्फी अ’स्पताल लाया गया था, जहां डाक्टरों ने उसे मृ’त घोषित कर दिया था।
नेहा की मौ’त के बाद से ही परिजन और स्थानीय लोग आ’क्रोश हैं। लोग बार-बार दो’षी पुलिस अफसरों पर का’र्रवाई की मांग कर रहे थे।तेतुलमारी पुलिस आर्यन की मौ’त की गु’त्थी सुलझाने में जुटी थी। इसी दौ’रान पुलिस को जानकारी मिली कि जिस पिस्टल से आर्यन की मौ’त हुई थी, वह पि’स्टल सिजुआ के मनोज चौहान की थी।
मनोज चौहान को पहले से पुलिस एटीएम लू’टकांड में खोज रही थी।जब उसके मोबाइल नंबर को रडार पर लिया गया तो पता चला कि उस नंबर से नेहा के पिता अनिल कुमार वर्णवाल के मोबाइल पर नौ बार बातचीत हुई थी। पुलिस उसी बातचीत के संबंध में नेहा से पूछताछ करने पहुंची थी। पूछताछ से पहले ही नेहा ने फां’सी लगा ली थी।


