21 दु’खों का ना’श करता है गणेश चतुर्थी पूजन ‘गणपति बप्पा मोरया मंगल मूर्ति मोरया’

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बीतने के बाद गणपति के आगमन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। इस बार गणेश चतुर्थी 2 सितंबर को मनायी जाएगी। कहा जाता है कि इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। गणेश चतुर्थी से दस वर्षीय गणेशोत्सव की शुरुआत होती है। गणेश चतुर्थी के दिन गणपति घर घर में पधारते हैं और दस दिनों तक विराजमान रहते हैं। इस दौरान उनका सेवा सत्कार और पूजन आदि किया जाता है। अनंत चौदस के दिन उनसे आशीर्वाद प्राप्त कर उनका विसर्जन किया जाता है।

बन रहा है विशेष योग

ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र का कहना है कि इस साल गणेश चतुर्थी पर बेहद शुभ योग बन रहा है। ग्रह-नक्षत्रों की शुभ स्थिति से शुक्ल और रवियोग बन रहे हैं। इनके साथ ही सिंह राशि में चतुर्ग्रही योग भी बन रहा है यानी सिंह राशि में सूर्य, मंगल, बुध और शुक्र हैं। ये शुभ संयोग तमाम लोगों की मनोकामना को पूर्ण करने में मददगार होगा।

इस चौपाई का जाप करने से पूरी होगी कामना

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक गणेश चतुर्थी से अनंत चौदस के बीच प्रतिदिन प्रात:काल स्नानादि से निवृत्त होकर एकांत कमरे में पवित्र आसन पर उत्तर—पूर्व दिशा में मुंह करके बैठें। भगवान गणेश का ध्यान करें फिर एक चौपाई की सात माला का जाप करें। ऐसा पूरे दस दिनों तक करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और धन के संकट दूर हो जाएंगे। चौपाई इस प्रकार है.

गणपति गजवंदन, संकर सुवन भवानी नंदन
सिद्धि सदन गज बदन विनायक, कृपासिंधु सुंदर सब लायक
मोदक प्रिय मुद मंगल दाता, विद्या वारिधि बुद्धि विधाता
मांगत तुलसिदास कर जोरे, बसहिं राम सिय मानस मोरे
प्रतिदिन इसी मंत्र का जप सात माला करें

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