दरअसल, सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच चल रहे घमासान और एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों को देखते हुए सरकार ने सीवीसी की सिफारिश पर कल देर रात वर्मा से सीबीआइ निदेशक का कामकाज वापस ले लिया और उनकी जगह संयुक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को सीबीआइ निदेशक का कामकाज सौंप दिया था। वर्मा ने इसे चुनौती दी है।
बुधवार को सुबह जैसे ही कोर्ट खुला वकील गोपाल शंकर नारायण ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की पीठ के समक्ष मामले का जिक्र करते हुए वर्मा से सीबीआइ निदेशक पद का कामकाज छीन लिये जाने और उन्हें छुट्टी पर भेजने का आदेश रद करने की मांग की। वकील ने कोर्ट से जल्द सुनवाई की गुहार लगाई। कोर्ट ने अनुरोध स्वीकार करते हुए शुक्रवार को मामले को सुनवाई के लिए लगाने की मंजूरी दे दी। हालांकि जिस समय कोर्ट के समक्ष मामले का जिक्र किया गया था तबतक औपचारिक रूप से याचिका दाखिल नहीं हुई थी।