#BIHAR बना पहला राज्य जहां होमगार्ड में महिला कमांडो हो रही तैयार

#BIHAR #INDIA : होमगार्ड का जिक्र होते ही आपके जेहन में जैसे-तैसे वर्दी पहने सिपाही की सूरत उभर आती है। पर यह बीते जमाने की बात हो गई। पहले ही स्पेशल बटालियन बना चुके बिहार होमगार्ड की एक और तस्वीर आपको हैरत में डाल देगी। यह है होमगार्ड की महिला कमांडो फोर्स। बिहार पहला राज्य बन गया है, जहां होमगार्ड में महिला कमांडो तैयार हो रही हैं।

होमगार्ड में शामिल युवाओं को कमांडो ट्रेनिंग देकर एक शानदार फोर्स बनाने की कवायद शुरू की गई है। इसमें मर्दों के साथ महिलाएं भी शामिल हैं। बिहटा स्थित ट्रेनिंग सेंटर में 41 महिला होमगार्ड की कमांडो ट्रेनिंग शुरू कर दी गई है। हालांकि लक्ष्य 200 महिलाओं को प्रशिक्षण देने का है। 28 दिनों के इस कमांडो ट्रेनिंग में फिजिकल फिटनेस पर खासा जोर है। ट्रेनिंग में शामिल महिलाएं रोजना दो मील की दौड़ लगाती हैं। इसके साथ ही इन्हें रस्सी पर लटकर चलना, रस्सी के सहारे ऊपर चढ़ना और कंटीले तारों के बीच से रेंगते हुए निकलना सिखाया जा रहा। पीठ पर 10 किलो वजन के साथ दौड़ना भी कमांडो कोर्स का हिस्सा है। सबसे पहले ट्रेनिंग की शुरुआत पीटी और परेड से होती है।

होमगार्ड में नामांकित होने के बाद ट्रेनिंग के दौरान अंग्रेजों के जमाने की थ्री नॉट थ्री राइफल से निशानेबाजी कराई जाती है। पर कमांडो ट्रेनिंग में थ्री नॉट थ्री नहीं बल्कि सेल्फ लोडिंग राइफल (एसएलआर) से महिलाएं निशाना लगाएंगी। 14 दिनों की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद फायरिंग की प्रैक्टिस होगी। इसके लिए बाकायदा होमगार्ड ने एसएलआर की मांग की है जो उसे जल्द मुहैया कराई जाएगी। फायरिंग प्रैक्टिस या तो दानापुर या फिर राजगीर में होगी। इसके अलावा कम्प्यूटराइज्ड निशानेबाजी (सिमूलेटर) की भी व्यवस्था ट्रेनिंग सेंटर में की गई है। महिलाएं इसपर भी हाथ आजमाएंगी।

कमांडो ट्रेनिंग के लिए होमगार्ड की जिन महिलाओं का चयन किया गया है उनकी उम्र अधिकतम 28 वर्ष है। होमगार्ड मुख्यालय ने ट्रेनिंग के लिए कम उम्र की महिलाओं को चुना है, ताकि वह बेहतर सीख सकें और लम्बे समय तक उनकी सेवाएं होमगार्ड में ली जा सकें ।


होमगार्ड में शामिल महिलाओं और पुरुषों को पुलिस की बहाली में आरक्षण मिलता है। वर्ष 2017 में हुई सिपाही की बहाली में सभी कोटि में होमगार्ड के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित थीं। इस दौरान होमगार्ड स्पेशल बटालियन के कई सिपाही में बहाल हुए थे। कमांडो ट्रेनिंग करनेवालों को पुलिस में बहाली के दौरान शारीरिक दक्षता परीक्षा में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

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