#BIHAR #INDIA : आखिरकार बिहार के सारे शहर खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) हो गए। इसी के साथ बिहार ओडीएफ होने वाला देश का 30वां राज्य या केंद्र शासित प्रदेश हो गया। केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने ट्वीट के साथ एक फोटो टैगकर कर बिहार को इसके लिए शुभकामनाएं दी हैं। हालांकि गांवों को ओडीएफ घोषित किए जाने का काम अभी बाकी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच साल पहले गांधी जयंती पर झाड़ू लगाकर स्वच्छ भारत का नारा बुलंद किया था। तब देश के सभी राज्यों को दो अक्टूबर 2019 तक ओडीएफ घोषित करने का लक्ष्य रखा गया था। पड़ोसी राज्य झारखंड और यूपी सहित तमाम राज्य तो पहले ही ओडीएफ घोषित हो चुके हैं। अब बिहार के शहरों के नाम भी इस सूची में शुमार हो गये हैं। राज्य के सभी शहरी निकायों को थर्ड पार्टी के निरीक्षण के बाद ओडीएफ की श्रेणी में डाला गया है। हालांकि अभी तमाम निकायों को ओडीएफ होने का प्रमाणपत्र मिलना बाकी है।

बता दें कि बिहार में निकायों की कुल संख्या तो 143 है, लेकिन दो बाद में बने। ऐसे में 141 निकायों को शौचालय निर्माण का लक्ष्य दिया गया था। यहां घरेलू शौचालय के अलावा सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालय का निर्माण किया जाना था।

राज्य में पहले 99 निकाय ओडीएफ घोषित हुए थे। 36 निकाय थर्ड पार्टी के निरीक्षण में फेल हो गए थे। इनमें थर्ड पार्टी निरीक्षण में लोग खुले में शौच जाते मिले थे। छह महीने में ओडीएफ निकायों का री-सर्टिफिकेशन न कराए जाने पर वे भी नॉन ओडीएफ हो गए थे। उस समय तक लक्ष्य के सापेक्ष 70 प्रतिशत प्रगति पर ओडीएफ प्रमाणपत्र मिल रहा था। बाद में यह मानक बदलकर 90 प्रतिशत कर दिया गया।

किसी भी निकाय को ओडीएफ का प्रमाणपत्र थर्ड पार्टी निरीक्षण के बाद दिया जाता है। इसके लिए निकाय द्वारा किए गए दावे की जमीनी हकीकत थर्ड पार्टी द्वारा देखी जाती है। जनता से भी उस पर राय ली जाती है। क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया की टीम ने सोमवार से निरीक्षण शुरू किया था। सोमवार तक यानि पांच दिन में राज्य के सभी 141 निकायों की हकीकत की उन्होंने जांच भी पूरी कर ली और उसी के आधार पर केंद्र को रिपोर्ट भी भेज दी। संभवत: इसी रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय सचिव ने बिहार के शहरों के ओडीएफ होने पर बधाई दी।