#JHARKHAND #INDIA : जीएसटी में तीन करोड़ रुपए का गड़’बड़झाला करने वाले एक आ’रोपी को पुलिस ने बुधवार को गिर’फ्तार कर लिया। गि’रफ्तार आ’रोपी सत्यनारायण सिन्हा लोगों का आईटीआर भरने का काम करता था। उसने बड़ी ही चालाकी से सोहन शर्मा नामक व्यक्ति का पैन कार्ड और आधार कार्ड की फोटो कॉपी का इस्तेमाल कर जीएसटी बना ली। इस जीएसटी नंबर के आधार पर उसने तीन शेल कंपनियां बनाई। इन कंपनियों के साथ फर्जी ढंग से इनपुट टैक्स क्रेडिट दिखा कर सरकार को करीब तीन करोड़ रुपए का चूना लगा दिया।

फर्जीवाड़े का खुलासा करते हुए डीएसपी लॉ एंड आर्डर मुकेश कुमार ने बताया कि सत्यनारायण सिन्हा पुटकी का फर्जी किरायानामा दिखा कर सिन्हा कोल ट्रेडर्स चला रहा था, जिसे जांच में राज्य कर पदाधिकारी पंकज कुमार ने फर्जी पाते हुए पुटकी थाना मे सोहन शर्मा के विरुद्ध मामला दर्ज कराया। केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने सोहन शर्मा की तलाश शुरू की। जब पुलिस सोहन तक पहुंची तो उन्होंने बताया कि उनके नाम से कोई जीएसटी नंबर नहीं है। छानबीन करते हुए पुलिस सत्यनारायण सिन्हा तक पहुंची। पूछताछ में सत्यनारयण ने अपना जुर्म कबूल लिया। पत्रकारों से बातचीत के दौरान पुटकी थाना प्रभारी मनोज कुमार गुप्ता भी उपस्थित थे।

सत्यनारायण ने जीएसटीएन के लिए पेपर तो सोहन का इस्तेमाल किया था लेकिन फोन नंबर अपना दे दिया था। इसी चूक के कारण वह पुलिस की रडार पर आ गया। निजामुद्दीन नामक व्यक्ति ने भी पुलिस को सत्यनारायण तक पहुंचाने में मदद की। सत्यनारायण ने सिन्हा इंटरप्राइजेज, बालाजी इंटरप्राइजेज और एक अन्य शेल कंपनी बनाई थी। इन फॉर्मों से जिला के अन्य कंपनियों के साथ ट्रांजेक्शन किया गया और फिर फर्जी कागजात बना कर करीब तीन करोड़ रुपए की टैक्स चो’री कर ली।

गि’रफ्तार सत्यनारायण ने पुलिस को बताया कि वह 20 हजार रुपए महीने पर झरिया के राजबाड़ी रोड निवासी कोल व्यवसायी अभिषेक आनंद के लिए काम करता था। पुलिस अभिषेक के संबंध में जानकारी जुटा रही है। बताया जा रहा है कि इस तरह का 8 से 10 फर्म चल रहे हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि यह पूरा खेल कोयला के गोरख धंधे से जुड़ा है और इसमें कई और नाम सामने आएंगे।