#HARIDWAR : जूना अखाड़ा ने 70 सालों से बंद छड़ी यात्रा की फिर शुरुआत करने से पहले शुक्रवार को अखाड़ा परिषद के पदाधिकारियों और संतों ने विधि विधान से हरकी पैड़ी पर छड़ी की पूजा-अर्चना की। इस दौरान संतों ने गंगा पूजन किया। इसके बाद छड़ी तेरह अखाड़ों से होते हुए देर शाम को माया देवी मंदिर पहुंची। शनिवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत इस पवित्र छड़ी की पूजा अर्चना के बाद यात्रा को चार धाम के लिए रवाना करेंगे। यह छड़ी यात्रा 1100 साल पुरानी परंपरा है। लंबे अर्से से रुकी इस यात्रा को जूना अखाड़ा और प्रदेश सरकार की कोशिशों के बाद 12 अक्तूबर से दोबारा शुरू किया जा रहा है। इससे पहले शुक्रवार को छड़ी को पूरे शहर में भ्रमण कराकर हरकी पैड़ी लाया गया। यहां अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और महामंत्री महंत हरिगिरी ने छड़ी को लेकर गंगा पूजन किया। इस दौरान सभी तेरह अखाड़ों के प्रतिनिधियों के साथ गंगा सभा के पदाधिकारी भी शामिल हुए।

छड़ी को शहर के मठ मंदिरों में घुमाने के बाद शनिवार को सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत पूजा अर्चना कर चार धाम के लिए रवाना करेंगे। शुक्रवार शाम को छड़ी दक्ष प्रजापति मंदिर में पूजा अर्चना के बाद मायादेवी मंदिर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। कुछ दिन पहले इस छड़ी को बागेश्वर से हरिद्वार के मायादेवी मंदिर लाकर स्थापित किया गया था। महंत नरेंद्र गिरी का कहना है कि इस यात्रा का समय करीब एक माह रहेगा। जिसमें यह चारों धाम की यात्रा करेगी। उन्होंने कहा कि इस यात्रा को देखते हुए प्रदेश सरकार ने यात्रा रूट पर पड़ने वाले व्यवधानों को दूर कर यात्रा को सुगम बनाने का कार्य पूर्ण कर लिया है। शुक्रवार को छड़ी यात्रा में जूना अखाड़े के संरक्षक हरि गिरी, जूना अखाड़े के उपाध्यक्ष महंत प्रेम गिरी, श्रीमहंत रविंद्र पुरी निरंजनी अखाड़ा, मुख्य महंत भगत राम, श्रीमहंत धर्मदास, श्रीमहंत प्रेमदास, महंत महेश पुरी, श्रीमहंत नारायण गिरी, महंत केदार पुरी, श्रीमहंत राजेंद्र दास, महंत देवेंद्र सिंह, निर्मल अखाड़े के गगनदीप, श्रीगंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा और महामंत्री तन्मय वशिष्ठ आदि उपस्थित रहे।

