#JHARKHAND #INDIA : झारखंड के करीब 50 हजार छात्र-छात्राएं इस बार 12वीं की परीक्षा नहीं दे पाएंगे। ये सभी 11वीं कक्षा में असफल हुए थे। लेकिन इनके लिए जैक की ओर से कोई विशेष परीक्षा या कंपार्टमेंटल परीक्षा का इंतजाम नहीं किया गया। छात्र-छात्राएं, शिक्षक व कई सामाजिक संगठन लगातार कंपार्टमेंटल परीक्षा लेने की गुहार लगाते रहे। शुक्रवार को कमला नेहरू इंटर कॉलेज के शिक्षकों ने काउंसिल से कंपार्टमेंटल परीक्षा लेने की मांग की। इंटर कॉलेज के शिक्षक डॉ अजय कुमार सिन्हा ने बताया कि 11वीं की परीक्षा ओएमआर शीट पर लेने से बच्चों की प्रतिभा का निखार नहीं हो पाया। साथ ही नई व्यवस्था में कई बच्चे सफल नहीं हो सके।

विज्ञान संकाय में नहीं ली गई थी प्रायोगिक परीक्षा
शिक्षक डॉ अजय कुमार सिन्हा ने कहा कि सबसे अधिक विज्ञान संकाय के बच्चे असफल हुए, जिनके लिए प्रायोगिक परीक्षा काफी अहम होती है। लेकिन ऐसे बच्चों में से किसी की प्रायोगिक परीक्षा ही नहीं ली गई, जिस कारण भी काफी बच्चों को निराशा हाथ लगी। सीबीएसई बोर्ड भी 11वीं में ओएमआर सीट पर परीक्षा नहीं लेता है, लेकिन जैक के इस प्रयोग ने 50 हजार बच्चों का भविष्य अधर में डाल दिया है।

11वीं की परीक्षा में छात्रों को काफी राहत दी गई थी : जैक
जैक ने कहा कि आठवीं व नौवीं की परीक्षा विभाग के आदेश के बाद ली थी। लेकिन 11वीं की कंपार्टमेंटल परीक्षा के लिए कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है। जैक ने बताया कि 11वीं की परीक्षा जब हुई थी तो उस समय ही कमजोर छात्रों को राहत दी गई थी। जो छात्र चार विषय में पास हो गए थे, लेकिन एक विषय में पास नहीं हो पाए थे, उन्हें सफल घोषित कर दिया गया था। काउंसिल के निर्णय के बाद ऐसे छात्रों की पहले ही मदद की जा चुकी है, जिसके बाद कंपार्टमेंटल परीक्षा की कोई जरूरत नहीं है। दूसरी ओर यह भी बताया गया कि ओएमआर शीट पर होने वाली परीक्षा में प्रायोगिक परीक्षा की जरूरत नहीं थी।

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