राजस्थान के बीकानेर और उसके आसपास के इलाकों में रविवार को सुबह 10:36 बजे भू’कंप के त’गड़े झ’टके महसूस किए गए। भू’कंप की त’व्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई। झटके का एहसास होते ही लोग घरों से बाहर निकल आए और सड़कों पर भी’ड़ जमा हो गई। लोगों में अफ’रा-त’फरी का मा’हौल देखा गया। भू’कंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर नीचे बताया जाता है। अभी तक किसी तरह के नु’कसान की खबर नहीं है। भू’कंप के झ’टके बीकानेर समेत खाजूवाला, सत्तासर, छत्तरगढ़, कालासर और नुरसर समेत कई इ’लाकों महसूस किए गए। भूकं’प के बाद लोगों ने अपने क’रीबियों को फोन करके हाल चाल जाना।

प्रशासन ने लोगों से कहा है कि वे अ’फवाहों पर ध्यान न दें। अभी पिछले महीने ही राजस्थान के झुंझुनूं जिले में भू’कंप के झ’टके महसूस किए गए थे जिसकी ती’व्रता 3.8 दर्ज की गई थी। पिछले महीने गुलाम कश्मीर (POK) में वि’नाशकारी भू’कंप ने द’स्तक दी थी जिसमें 38 लोगों की जा’न चली गई, जबकि 452 लोग घा’यल हो गए थे। 5.8 तीव्रता के इस भू’कंप का केंद्र मीरपुर शहर के समीप सतह से 10 किलोमीटर नीचे था। भू’कंप के झ’टके 8-10 सेकंड तक इस्लामाबाद, पेशावर, रावलपिंडी और लाहौर के प्रमुख शहरों समेत पूरे पाकिस्तान में म’हसूस किए गए थे।
यही नहीं नई दिल्ली समेत भारत के उत्तरी हिस्सों में भी इसके झ’टकों को महसूस किया गया था। उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ही इंडोनेशिया के मालुकु द्वीप में भूकं’प के तेज झ’टके महसूस किए गए थे, जिसमें 30 लोगों की मौ’त हो गई थी। यही नहीं करीब 25 हजार लोगों को अपने घर-बार छोड़ने पड़े थे। भू’कंप इतना तग’ड़ा था कि इ’मारतें ध’राशाही हो गईं और दह’शतजदां लोग सड़कों पर उतर आए थे। एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, भू’कंप के बाद हुई भू’स्खलन की घट’नाओं में भी कई लोगों की मौ’त हो गई थी।



