#PATNA #BIHAR #INDIA : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 12वीं बोर्ड प्रायोगिक परीक्षा में परीक्षार्थी शामिल नहीं होंगे तो उन्हें बोर्ड अनुपस्थित कर देगा। इसको लेकर बोर्ड ने प्रायोगिक परीक्षा के सभी एक्सटर्नल को निर्देश दिया है। निर्देश में उन तमाम परीक्षार्थियों पर नजर रखने को कहा है जो प्रायोगिक परीक्षा में शामिल नहीं होते और स्कूल प्रशासन की मदद से उन्हें पूरे अंक मिल जाते हैं।

ऐसे परीक्षार्थियों को शक के आधार पर पकड़ा जायेगा। जिस परीक्षार्थी पर एक्सटर्नल को शक होगा उसकी सूचना एक्सटर्नल गुप्त रूप से बोर्ड को देगा। बोर्ड के इस सिस्टम से फ्लाइंग परीक्षार्थियों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। जो भी छात्र प्रायोगिक परीक्षा में शामिल नहीं होने की योजना बना रहे हों, वो संभल जाएं, क्योंकि पकड़ में आने के बाद ऐसे परीक्षार्थी को सैद्धांतिक परीक्षा से भी हाथ धोना पड़ सकता हैं। ज्ञात हो कि बड़े स्तर पर प्रायोगिक परीक्षा में धांधली स्कूल द्वारा की जाती है। 2019 में कई एक्सटर्नल द्वारा यह सूचना बोर्ड को दी गयी थी।

– एक्सटर्नल की जानकारी के आधार पर होगी स्कूलों की जांच
जिन स्कूलों में प्रायोगिक परीक्षा में गड़बड़ी होने की जानकारी मिलेगी, उन स्कूलों की पूरी जांच बोर्ड द्वारा की जायेगी। जांच में रजिस्ट्रेशन करवाने वाले छात्र के नाम, उनकी पूरी डिटेल्स, नियमित स्कूल में एटेंडेंस आदि की जांच की जायेगी। जांच में छात्र के पकड़ में आने के बाद उस स्कूल पर कार्रवाई की जायेगी जो फ्लाईंग तौर पर परीक्षा दिलवाते हैं।
– एडमिट कार्ड के फोटो से होगा मिलान
चूंकि इस बार प्रायोगिक परीक्षा की वीडियो रिकॉर्डिग की जायेगी। इससे उन छात्रों को पकड़ना आसान हो जायेगा। जो छात्र परीक्षा देंगे लेकिन एक्सटर्नल को उस पर शक होगा तो ऐसे छात्रों के फोटो की पहचान उसके एडमिट कार्ड से बोर्ड करेगा। अगर मिलान में फोटो एक जैसा नहीं हुआ तो ऐसे छात्र को परीक्षा में अनुपस्थित माना जायेगा।

– जबदस्ती दिलवाते हैं अंक
नाम नहीं छापने की शर्त पर कई शिक्षकों ने बताया कि पटना से बाहर के स्कूलों में जाने पर मजबूरी में अंक देना पड़ता है। एक शिक्षक ने बताया कि कई स्कूलों में तो परीक्षार्थी नहीं रहते और अंक देने का दबाव स्कूल प्रशासन की तरफ से दिलवाया जाता हैं। चूंकि वो इलाका छोटे शहर और ग्रामीण होता है। ऐसे में डर से हमें अंक देने पड़ते हैं।

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