
MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : शहर में ब’ढ़ते प्रदू’षण को लेकर समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में बैठक की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के पदाधिकारी के साथ प्रदू’षण बोर्ड पटना के भी पदाधिकारी उपस्थित थे। प्रदू’षण बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि मुजफ्फरपुर में वायु प्रदू’षण में इजा’फा हो रहा है। उन्होंने वायु प्रदू’षण के कारणों और इससे निजा’त पाने के मद्देनजर बनाई गई कार्य यो’जना पर विस्तृत प्रकाश डाला।

वही डीएम आलोक रंजन घोष ने कहा कि वायु प्रदूषण से नि’जात दिलाने हेतु जो नियमावली निर्धा’रित की गई है उसका अनुपालन करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों के परस्पर समन्वय एवं सामुदायिक भागीदारी से वायु प्रदू’षण पर नियं’त्रण किया जा सकता है।उन्होंने निर्देशित किया कि इसके लिये जन जागरण अभियान चलाने की भी जरूरत है।

उन्होंने सभी विभागों को स’ख्त निर्दे’श दिया कि इस संबंध में उनके द्वारा की गई कर’वाई से सम्बंधित प्रतिवेदन शीघ्र उप’लब्ध करावें। सभी विभागों के अधिकारियों को ह’ड़काया कि दिए गए निर्देश के आलोक में अपेक्षित परिणाम दृष्टिगोचर नही हुए तो स’ख्त का’र्रवाई की जाएगी। उन्होंने नगर निगम, आरसीडी, परिवहन, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग विभाग के अधिकारियो को कहा कि जन’हित को देखते हुए अपने दा’यित्वो का निर्वहन ईमानदारी से करें।

नगर निगम एवं सम्बंधित विभागों के निर्देश दिया कि नियम के अनुसार शहर में हो रहे गृह निर्माण को ग्रीन कवर से ढक कर करें। जितने भी प्राइवेट बिल्डिंग, मॉल और संस्थानों का निर्माण हो रहा है वहाँ इसे स’ख्ती से ला’गू करने का निर्देश दिया गया। खुले में क’चड़े ज’लाने वाले पर क’ड़ी का’र्रवाई का भी निर्दे’श दिया गया। पुराने जनरेटर एवं जेरोक्स मशीन को अभि’यान चलाकर ज’ब्त किया जाय। शहर के जिन सड़को पर बालू लदे ट्रक या भारी वाहन चलते है वहाँ नगर निगम को एवं आरसीडी को पानी के छि’ड़काव का निर्देश दिया गया।

डीएम ने कहा कि कन्ट्रक्टसन कराकर वायु प्रदूषण में 40 प्रतिशत की क’मी लाई जा सकती है। जिला परिवहन पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि शहर के इंट्री एवं एग्जिट पॉइंट पर वाहनों के प्रदू’षण जां’च के मद्देनजर नियमित तौर पर अभि’यान चलाए।शहरी क्षेत्र में लकड़ी और कोयला से चूल्हे जलाने वाले को चि’न्हित कर का’र्रवाई करने का निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया। बैठक के दौरान निदेशित किया गया कि उन्हें व्यवसायिक एलपीजी के इस्ते’माल के लिए प्रे’रित की जाय। परंपरागत ईंट भट्ठे का कंवर्जन जिग-जैग ईंट भट्ठे में कराने की बात कही गई।

बैठक में बताया गया कि जिग जैग तकनीक के इस्तेमाल के बाद कोयले की खपत तो कम होगी ही साथ ही भट्टे से निकलने वाला धुं’आ भी खत’रनाक नही होगा। वन विभाग के अधिकारी को अधिक से अधिक पौधे लगाने का भी निर्देश दिया गया ताकि शहर एवं आस -पास का वाता’वरण हरित आवरण से आच्छादित हो सके। बैठक में नगर आयुक्त, अपर नगर आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी पूर्वी एवं सभी विभागों के पदाधिकारी उपस्थित थे।
