
सर्वोच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई के दौरान यौ’न अ’पराधों से बच्चों की सुरक्षा अधिनियम (पॉक्सो) के तहत दर्ज मामलों की सुनवाई के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन करने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देश के तहत देशभर में इसके लिए 1023 फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होगा। इसमें 389 सिर्फ पॉक्सो और बाकी के 634 कोर्ट पॉक्सो व ब’लात्कार के मामलों की सुनवाई करेंगे। बिहार में ऐसे 54 कोर्ट बनेंगे। इसमें 30 पॉक्सो और 24 कोर्ट पॉक्सो के साथ ब’लात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए होंगे।

पॉक्सो एक्ट के तहत दर्ज मामलों में जहां लंबित ट्रायल की संख्या सौ से ज्यादा है वहां फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन होगा। अभी पॉक्सो एक्ट के तहत सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट का गठन किया गया है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के कोर्ट को विशेष कोर्ट के रूप में परिवर्तित किया गया है। हालांकि इन विशेष कोर्ट में पॉक्सो के साथ दूसरे आपराधिक मामलों की भी सुनवाई होती है। इसके चलते मामले के निपटारे में विलंब होता है। फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन से मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी और अभियुक्तों को जल्द से जल्द सजा दी जा सकेगी।
