#UP #INDIA : विश्व हिन्दू परिषद के माघ मेला क्षेत्र स्थित शिविर में सोमवार को मार्गदर्शक मंडल की बैठक होगी। इसमें प्रमुख रूप से मंदिर निर्माण शुरू करने की तारीख पर संत समाज की मुहर लगने की उम्मीद है। रामनवमी 2 अप्रैल या अक्षय तृतीया 26 अप्रैल की तिथि संभावित मानी जा रही है। इसके अलावा जनसंख्या नियंत्रण, हिन्दू जीवन मूल्यों की पुनर्प्रतिष्ठा, गौर-गंगा संवर्धन और अन्य सम-सामयिक विषयों पर अपने सुझाव देंगे। बैठक में लिए गए निर्णयों को केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।

इस बीच विहिप के पदाधिकारियों ने अपनी जिद दोहराई है कि उनके मॉडल पर ही राम मंदिर बनना चाहिए। इस मॉडल को उन्होंने सर्वप्रथम 1989 में प्रयागराज में हुई धर्म संसद में रखा था। उसके अनुसार शिलाओं को आज तक तराशा जा रहा है और एक मंजिल में लगने वाली शिलाओं को 85 प्रतिशत तराशा जा चुका है। यदि उनके मॉडल पर मंदिर बनता है तो उसके लिए सभी शिलाएं देने के साथ ही हिन्दू समाज से मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने का भी काम करेंगे।

विहिप के केंद्रीय उपाध्यक्ष जीवेश्वर मिश्र ने रविवार को मीडिया को बताया कि 1984 में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित प्रथम धर्म संसद में रामजन्मभूमि निर्माण की बाधा दूर करने का निर्णय लिया गया था। उसके बाद से हुए आंदोलनों का समाज साक्षी है। राम मंदिर निर्माण का मार्ग सर्वोच्च न्यायालय से प्रशस्त होने के बाद पहली बार मार्गदर्शक मंडल की बैठक होने जा रही है।
