MUZAFFARPUR (ARUN KUMAR) : बिहार सरकार ने भले ही शराबबं’दी लागू कर दी है पर कई ऐसे मामले आए हैं जिसमें पुलिस के मुला’जिम ही संलि’प्त पाए गए हैं. शराबबं’दी का’नून लागू होने के बाद लाप’रवाही बर’तने और अवै’ध शराब व्या’पार को संर’क्षण देने के आ’रोप में अभी तक लगभग 500 पुलिस क’र्मियों पर का’र्रवाई की जा चुकी है. इसमें 80 से अधिक पुलिस कर्मियों को शराब पीने, त’स्करों को संर’क्षण और का’र्रवाई नहीं करने के आ’रोप नौकरी से बर्खा’स्त तक किया जा चुका है. इसमें इंस्पेक्टर, दारो’गा से लेकर कांस्टेबल तक शामिल हैं. वहीं अबतक लगभग 240 पुलिसकर्मियों के खि’लाफ अनुशा’सनात्मक का’र्रवाई हुई, जबकि 50 से अधिक पुलिस पदाधिकारियों के खि’लाफ क’ड़ी का’र्रवाई करते हुए उन्हें दस साल तक थानाध्यक्ष, प्रभारी या किसी महत्वपूर्ण पद की जि’म्मेवारी नहीं सौं’पी जाएगी.

ऐसा ही एक ताजा मामला जिले के करजा थाना से सामने आया है जहाँ प्रभारी थानाध्यक्ष और एक चौ’कीदार का पुत्र शराब माफिया से डील करने के दौरान एसएसपी द्वारा गठि’त ए’न्टी लिकर टा’स्क फो’र्स के ह’त्थे चढ़ गये. प्रभारी थानाध्यक्ष ब्रजकिशोर यादव और सदर थाना के चौकीदार के पुत्र को कच्ची पक्की इलाके से देर रात एं’टी लिकर टास्क फ़ो’र्स ने गिर’फ्तार कर लिया है. नगर थाना में ग’हन पू’छताछ के बाद उन्हें न्या’यिक हि’रासत में भेज दिया गया है. घट’ना के सन्दर्भ में बताया जाता है की कच्ची पक्की इलाके में देर रात एं’टी लि’कर टास्क फ़ो’र्स ने 22 ड्रम स्पि’रिट लदा एक ट्रक पकड़ा था.

एएलटीएफ ने जां’च की तो करजा थाना के प्रभारी थानाध्यक्ष ब्रज किशोर यादव और सदर थाना के चौकीदार का पुत्र श’राब मा’फिया से ट्रक छो’ड़ने के एवज में ढाई लाख रुपये में डी’ल कर रहे थे, इसी दौरान एएलटीएफ की टीम ने दोनों को दबो’च लिया. इस मामले में वरीय अधिकारियों ने प्रभारी थानाध्यक्ष से सवा’ल-ज’वाब किया तो उन्होंने स’फाई दी कि श’राब मिलने की सूचना पर वे छापेमारी करने आए थे. मामले में एसएसपी जयंतकांत ने कहा कि चाहे कोई आम हो या फिर खास, अवै’ध शराब और अप’राध के मामले में दोषी पाए जाने वाले किसी को भी ब’ख्शा नहीं जाएगा. पुलिस अपना काम पूरी नि’ष्ठा से कर रही है.

पुलिस सू’त्रों के अनुसार प्रभारी थानेदार ब्रजकिशोर यादव को निल’म्बित कर गिर’फ्तार किया गया है. बता दें कि दारोगा बनने के बाद उनकी तैनाती सदर थाना में की गयी थी. वहां से अवै’ध वसू’ली करते उनका एक वीडियो वाय’रल हुआ था. इस मामले में उन्हें निलं’बित कर दिया गया था. इसके बाद उनकी करजा थाना में तैनाती की गई थी. वर्तमान में करजा थानेदार के छु’ट्टी पर होने के कारण ब्रज किशोर यादव प्रभार में थे, पर अवै’ध वसू’ली की पुरानी आ’दत से वे अब भी बा’ज नहीं आये थे और शुक्रवार देर रात कच्ची पक्की में शराब मा’फिया से डी’ल करने पहुंचे तभी टीम ने उन्हें डी’ल करते रं’गे-हाथों गिर’फ्तार कर लिया.

जिले के अधिसंख्य थानों में ज’प्त शराब और मालखा’ना की जां’च की जाये तो कई पुलिस कर्मियों को अपनी नौकरी से हाथ धो’ना पड़ सकता है. मोतीपुर में म’द्य निषेध’ विभाग और मीनापुर थाना में तत्कालीन एसएसपी मनोज कुमार के औ’चक नि’रीक्षण के दौरान वहां के तत्कालीन थाना प्रभारियों पर गा’ज गिरी थी. निरी’क्षण के दौरान दोनों ही मामलों में ज’प्त शराब के रि’कॉर्ड में हे’राफे’री पाई गई थी. एक तरफ सरकार न’शा मुक्त करने की बात करती है दूसरी तरफ शासन-प्रशासन के लोग चंद रुपयों के खा’तिर इसको ब’ढ़ावा देते आ रहे हैं. राज्य सरकारों की पुलिस भी चंद पैसों के खा’तिर इस घि’नौने खे’ल में शामिल रहती है. अवै’ध श’राब धं’धेबाजों का पुलिस का ग’ठजोड़ रहता है. जब भी थाना प्रभारी बदलते हैं तो अपनी ह’नक ज’माने के लिए एक बार वह बड़ी का’र्रवाई करते हैं. ताल’मेल होते ही सब कुछ ठं’डे ब’स्ते में डाल दिया जाता है. यदा-कदा का’र्रवाई के नाम पर खानापू’र्ति कर कुछ बराम’दगी दिखा दी जाती है.















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