NEW DELHI : घर-घर राशन योजना पर अरविंद केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार में एक बार फिर ठन गयी है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार उनकी घर-घर राशन योजना को शुरू नहीं करने दे रही है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर वक्त झगड़ा करने पर आमादा है. कल्याणकारी योजनाओं को केंद्र की ओर से रोका जा रहा है. बता दें कि इस संबंध में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी आज केंद्र सरकार पर कई आरोप लगाये हैं.
हर वक्त हर किसी से झगड़ा सही नहीं- ट्विटर, लक्श्द्वीप, ममता दीदी, महाराष्ट्र, झारखंड, दिल्ली सरकार, किसानों, व्यापारियों, पश्चिम बंगाल के चीफ़ सेक्रेटेरी तक से झगड़ा
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 23, 2021
इतना झगड़ा, हर वक्त राजनीति से देश आगे कैसे बढ़ेगा? घर घर राशन योजना राष्ट्रहित में है। इस पर झगड़ा मत कीजिए
केंद्र पर क्या आरोप लगाया मनीष सिसोदिया ने
सिसोदिया ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों के घरों तक राशन नहीं पहुंचाने के लिए कई बहाने लगाये हैं. बहाना नंबर एक यह है कि राशन पहुंचाने का प्राइज क्या होगा. दूसरा बहाना बनाया कि जिसके घर राशन जायेगा, उसका पता कैसे चलेगा. इसी प्रकार तीसरा बहाना बनाया कि तंग गलियों में राशन कैसे पहुंचेगा. मोदी ने चौथा बहाना बनाया कि तीसरी मंजिल पर राशन कैसे पहुंचाया जायेगा. पांचवां बहाना बनाया कि किसी ने एड्रेस चेंज कर लिया तो राशन कैसे पहुंचेगा.
Addressing an important press conference | Live. https://t.co/tyDbP7BtIj
— Manish Sisodia (@msisodia) June 23, 2021
सिसोदिया ने कहा कि इसी प्रकार प्रधानमंत्री ने कई फनी बहाने भी बनाए. जैसे ट्रैफिक में गाड़ी फंग गयी या खराब हो गयी तो राशन कैसे पहुंचाया जायेगा. हम कहते हैं जिन गलियों में पिज्जा पहुंच सकता है, वहां राशन क्यों नहीं पहुंचता है. सिसोदिया ने कहा कि देश में पहली बार ऐसा देखा है कि एक प्रधानमंत्री एकदम झगड़ालू व्यक्ति हैं. ये ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो किसी राज्य के मुख्य सचिव से भी झगड़ा करते हैं. इनके पास लिस्ट है कि आज किससे झगड़ना है. सिसोदिया ने कहा कि युवा भारत और 21वीं सदी के प्रधानमंत्री को यह बात शोभा नहीं देती है कि घरों में राशन कैसे पहुंचाया जा सकता है. सिसोदिया ने कहा कि आपकी राशन पहुंचाने की औकात नहीं है. हमारी औकात है हम लोगों को घरों तक पहुंचाकर राशन दे सकते हैं. प्रधानमंत्री की मंशा ही ठीक नहीं है. वह गरीबों का राशन उनके घर तक नहीं पहुंचने देना चाहते हैं.














