मुजफ्फरपुर। आंख के इलाज में लापरवाही का मामला प्रकाश में आने के बाद जांच पड़ताल शुरू हो गई है। दरअसल, यह मामला मुजफ्फरपुर के आई हॉस्पिटल का है, जहां इलाज के लिए पहुंचे अब तक 15 मरीजों की आंख निकालनी पड़ी है। कई मरीज इलाजरत है।
इसके लिए एसकेएमसीएच में मरीजों के इलाज के लिए नया वार्ड बनाया गया है। बताया जाता है कि आई हॉस्पिटल में मोतियाबिंद ऑपरेश के बाद आंख में संक्रमण मामले की जांच शुरू है।
इस मामले में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ.एसपी सिंह के नेतृत्व में जांच टीम ने मरीजों, अस्पताल प्रबंधन और ऑपरेशन करने वाले चिकित्सक से बातचीत की।
ऑपरेशन थिएटर से संक्रमण की आशंका पर नमूना एकत्रित किया। वहीं अस्पताल की ओटी को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। वहां पर ऑपरेशन पर रोक लगा दी गई है। अस्पताल परिसर पहुंचे संक्रमण की शिकायत वाले सात मरीजों को एसकेएमसीएच रेफर कर दिया गया।
बताया जाता है कि दो दिन पहले संक्रमण की शिकायत पर एसकेएमसीएच पहुंचे तीन मरीजों की आंख निकाली गई। इस तरह से 19 मरीजों की एक आंख संक्रमण से खराब हुई है। तीन मरीजों की विगत दिनों पहले आंख निकाली गई थी जबकि, अस्पताल प्रबंधन ने सात मरीज की आंख निकालने और सात पर खतरा की बात कही है।
इस मामले में नौ मरीज ने सीएस से आंख निकालने की शिकायत की। तीन एसकेएमसीएच पहुंचे जिनकी आंख निकाली गई। सीएस की ओर से गठित जांच टीम में डा.हसीब असगर, नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.नीतू कुमारी, एसकेएमसीएच के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष डा.राजीव कुमार सिंंह, आई बैंक प्रभारी डा.एमके मिश्राा, प्रधान सहायक गुणानंद चौधरी शामिल रहे।


