श’राब पर गश्ती ,अत्याधुनिक उपकरणों के साथ

सरकार के नए प्लान्स से पुलिस को काफी हद तक सहायता मिलेगी जहां आसानी से पुलिस श’राब त’स्कर को पकड़ पाएंगे।  पुलिस और एफएसएल के लिए जल्द नए साजो-सामान की खरीद होगी। करोड़ों रुपए की लागत से होनेवाली इस खरीद में कई अत्याधुनिक उपकरण भी शामिल हैं। पहली बार पुलिस के लिए ड्रोन की भी खरीद होनेवाली है। वहीं एफएसएल के लिए आवाज और वीडियो विश्लेषण करने में मददगार अत्याधुनिक सिस्टम भी खरीदा जाएगा। राज्य सरकार ने इन साजो-सामान की खरीद पर खर्च होनेवाली राशि भी मंजूरी कर दी है।Indian police raid houses in southern state week after Sri Lanka bombings -  World - DAWN.COM

बिहार पुलिस पहली बार ड्रोन भी खरीदनेवाली है। फिलहाल 18 हल्के ड्रोन की खरीद होगी। एसटीएफ और मद्यनिषेध को ये ड्रोन मिलेंगे। ड्रोन में शक्तिशाली कैमरे लगे होंगे जिससे न सिर्फ निगरानी की जा सकेगी बल्कि उस जगह का वीडियो भी देखा जा सकता है जहां से ड्रोन उड़ रहा होगा। दूर-दराज के इलाके में शराब निर्माण पर नजर रखने के लिए यह पुलिस की मद्यनिषेध इकाई को दिया जाएगा। वहीं एसटीएफ नक्सल प्रभावित इलाकों और दियारा में नक्सलियों और अपराधिक गुटों की लोकेशन को ट्रेस करने में इसका इस्तेमाल कर सकती है।

पुलिस के अलावा फोरेंसिंक साइंस लैबोरेट्री (एफएसएल) के लिए भी हाईटेक सिस्टम की खरीद होनेवाली है। एफएसएल को वॉयस और वीडियो एनालिसिस सिस्टम दिया जाएगा। वैसे तो एफएसएल के पास यह पहले से मौजूद है लेकिन पुराना हो चुका है।

पहले के मुकाबले इसकी तकनीक बेहतर हुई है लिहाजा नए वॉयस और वीडियो एनॉलिसिस सिस्टम पर काम करने में वैज्ञानिकों को कम दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। यह उपकरण की मदद से आवाज के नमूनों के मिलान के साथ वीडियो की भी जांच की जाती है। वीडियो की जांच कर देखा जाता है कि इसके साथ कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है।

26 करोड़ रुपए से अधिक की राशि से जिला पुलिस के लिए भी कई साजो-सामान की खरीद होनी है। इसमें वॉयस लॉगर के अलावा ड्रोर फ्रेम, हैंड हेल्ड और डीप सर्च मेटल डिटेक्टर शामिल हैं। वहीं एटीएस और एसटीएफ के लिए एक्सप्लोसिव वैपर डिटेक्टर की भी खरीद की जाएगी।

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