मुजफ्फरपुर। पूर्ण शराबबंदी ने राज्य में कई परिवारों की जिंदगी बदल कर रख दी है। इससे घर में खुशहाली आई है। शराबबंदी से पहले कई परिवार ऐसे थे, जिनके घर के पुरुष कमाई का आधा से अधिक हिस्सा शराब पर खर्च करते थे। मालूम हो कि कटरा में जहां जहरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत हुई थी।
उसी इलाके से सटे पतारी गांव ऐसा है, जहां काफी लोग नशे की गिरफ्त में थे। इन इलाकों में सभी तरह की शराब मिलती थी, लेकिन शराबबंदी के बाद कई परिवारों में खुशहाली आ गई। यहीं नहीं शराब की लत जाती रही और जीवन खुशहाल बन गया।
इलाके की सोमारी देवी के अनुसार पहले कमाई का आधा से अधिक हिस्सा उनके पति शराब पर खर्च कर देते थे। इस कारण घर में हमेशा तंगी रहती थी। बच्चे को अच्छी शिक्षा नहीं दे पाते थे।

हर रोज घर में विवाद होता था। ढंग से भोजन नहीं मिल पाता था, लेकिन शराबबंदी लागू होने के बाद आदत और दिनचर्या में बदलाव आया है। दिन रात नशे में रहने वाले उनके पति स्वस्थ और चंगा हो गए हैं।
उन्हें जीवन में कुछ करने की इच्छा जागी, और उन्होंने एक ठेला बनवाया। अब प्रतिदिन ठेले पर फास्ट फूड, लिट्टी और समोसा ले जाकर हाट में बेचते है। इससे औसतन पांच सौ रुपये प्रतिदिन आय हो रही है।
इसके अलावा पति के साथ खुद सोमारी देवी भी सब्जी बेचने का कारोबार कर रही है। कहती हैं कि हमारा व्यवसाय चल पड़ा और घर में खुशी लौट आई है।
अब हम बच्चों को निजी स्कूल में पढ़ाते हैं और अच्छा भोजन व कपड़ा देते हैं। शराब के पैसे बचने से विकास के काम में लगाते हैं। अब कभी हमारे बीच विवाद नहीं होता। इससे हमारा जीवन बदल गया।
