मुजफ्फरपुर। केंद्रीय बजट 2022-23 में बड़े धमाकेदार उपायों के लिए पर्याप्त नहीं हो सकती है, जो आम आदमी के हाथों में सीधे पैसा डाल सकते हैं। हालांकि, सरकार मध्यम प्रोत्साहन प्रदान करने का विकल्प चुन सकती है।
इन्हें तीन प्रमुख विषयों के माध्यम से देख सकते है। इसमें उपभोग से संबंधित कर में बदलाव, निवेश से संबंधित कर परिर्वतन और आय से संबंधित कर परिवर्तन।
इस महीने की शुरूआत में प्रकाशित सरकार के पहले अग्रिम अनुमानों के आधार पर, भारत की वास्तविक सकल घरेलू उत्पादन की वृद्धि दर साल-दर-साल पर 9.2 फीसदी रहने का अनुमान है।
लेकिन, दुर्भाग्य से यह 9.2 फीसदी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2021 में महामारी से प्रभावित 7.3 फीसदी की गिरावट के बाद आई है।
प्रभावी रूप से महामारी की वजह से दो वर्षों में भारत की वृद्धि दर के मात्र 1.3 फीसदी तक धीमा होने का अनुमान है।
इसलिए पिछले साल की तरह सरकार के आर्थिक विकास को फिर से पटरी पर लाए जाने पर अपना ध्यान जारी रखने की संभावना है।

