मुजफ्फरपुर : उत्तर बिहार के सीमावर्ती इलाकों में डकैतों बढ़ा खौफ, रात भर जागते हैं लोग, जानें….

मुजफ्फरपुर। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में डकैतों के खौफ से ग्रामीण रतजगा कर रहे हैं। उत्तर बिहार के सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और मधुबनी जिले के सीमावर्ती गांवों में लगातार ड’कैती की घ’टनाएं हो रही हैं।

बीते तीन माह में करीब 20 घटनाएं हुई हैं। इनमें सर्वाधिक प्रभावित सीतामढ़ी है। ड’कैती में नेपाल के गि’रोह के शामिल होने की पुष्टि हुई है।
सीतामढ़ी में नेपाल सीमा से सटे प्रखंडों के गांवों में ड’कैती की लगातार घ’टनाएं हो रही हैं।

चार और पांच मार्च की रात चार घरों में ड’कैती हुई थी। ड’कैतों ने मेजरगंज में एक और सुरसंड में तीन घ’टनाओं को अंजाम दिया था। बीते तीन माह में एक दर्जन से अधिक घ’टनाओं में 1.5 करोड़ से अधिक की संपत्ति की लू’ट हुई है। मेजरगंज, सोनबरसा, परिहार, सुरसंड, बेला, भिामोड़, बैरगनिया ये सभी नेपाल से सटे हैं। स्थानीय ड’कैत लाइनर की भूमिका में होते हैं। घ’टना के बाद वे आसानी से नेपाल में प्रवेश कर जाते हैं।

पूर्वी चंपारण के रक्सौल के चंदुली में एक सप्ताह पहले ड’कैती हुई थी। इसके बाद पनटोका में भी ड’कैतों ने धावा बोला था, लेकिन ग्रामीणों की सजगता से भाग गए। अब यहां ग्रामीण रात में दल बनाकर गश्ती कर रहे हैं।

युवा रात्रि प्रहरी दल बनाकर चौकसी की तैयारी में हैं। पनटोका के अधिवक्ता उमेश चौरसिया, उपप्रमुख शंभू दास व मुखिया सुमन चौरसिया बताते हैं कि पंचायत में हर दो किमी पर सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) का कैंप है। इनके अलावा रक्सौल, हरैया ओपी, भेलाही थाना भी है। इसके बावजूद ड’कैती हो रही है।