मुजफ्फरपुर : युवक की मौ’त के बाद से निजी अस्पताल के प्रबंधक समेत कर्मियों को बनाया बंधक

 कुढऩी थाना क्षेत्र स्थित एक निजी अस्पताल में उपचार के दौरान युवक की मौत हो गई। इसके बाद स्वजन शव लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे और हंगामा किया। निजी अस्पताल के प्रबंधक समेत अन्य कर्मचारियों को बंधक बना लिया। हालांकि कुछ देर बाद उन्हें मुक्त कर दिया।

बताते हैंं कि कुढऩी के परेया गांव निवासी हरीमोन कुमार के पुत्र मंजय कुमार (30) को पेट में दर्द की शिकायत थी। इस पर गांव में तैनात आशा साधना तिवारी से स्वजनों ने संपर्क किया। आशा ने उसे बलिया चौक स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती करा दिया। वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इस पर अस्पताल प्रबंधन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर करते हुए उसे वहां पहुंचा दिया।

स्वजनों ने सीएचसी में ड्यूटी पर तैनात डाॅक्टर से झूठ बोलकर एसकेएमसीएच रेफर कराकर एंबुलेंस की मांग की। इसमें समय लगता देख हंगामा शुरू कर दिया। एंबुलेंस नहीं मिलने से मरीज की मौत होने का आरोप लगाया। मौके पर प्राइवेट अस्पताल के प्रबंधक को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया और गाली-गलौच की। थानाध्यक्ष अरविंद पासवान ने पहुंचकर लोगों को शांत कराया।

साथ ही निजी अस्पताल के प्रबंधक से मुआवजे को लेकर मामले को रफा-दफा कराया। इसके बाद स्वजन शव को अपने साथ ले गए। शव को पोस्टमाॅर्टम के लिए नहीं भेजा। पुलिस को इसका कोई आवेदन भी नहीं दिया है। सीएचसी कुढऩी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डाॅ.धर्मेन्द्र कुमार ने कहा की झुठ बोल कर स्वजनों ने चिकित्सक से एसकेएमसीएच के लिए रेफर कराने की जानकारी मिली है। इस मामले में जांच की जा रही है।

देहरादून में मेडिकल की तैयारी कर रहे छात्र की सड़क दुघर्टना में मौत

बंदरा। प्रखंड की नूनफरा पंचायत के पूर्व मुखिया अशोक सिंह के भतीजे की देहरादून में सड़क दुघर्टना में मौत हो गई। मालूम हो कि पंचायत सचिव पुरुषोत्तम सिंह का बड़ा पुत्र शुभम कुमार (24) देहरादून में रहकर मेडिकल की तैयारी कर रहा था। रविवार की रात एक जन्मदिन की पार्टी से अपने रूम पर लौटने के दौरान संतुलन बिगडऩे से बाइक पेड़ से टकरा गई।

इससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। पैतृक गांव बरियारपुर में मंगलवार को दोपहर में शव पहुंचते ही स्वजनों में कोहराम मच गया। सभी को रो-रोकर बुरा हाल था। वहीं, ग्रामीणों की भी आंखें नम हो गईं। लोगों ने बताया कि शुभम होनहार छात्र था। वह मेडिकल की तैयारी के लिए देहरादून में रहकर पढ़ाई कर रहा था। पंचायत सचिव के दो पुत्रों में वह बड़ा था।