मृ’त बच्चे के लिए मां ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा….

गया. बिहार में एक मां को सात साल के लंबे अंतराल और कानूनी लड़ाई में मिली जीत के बाद उसका बच्चा मिलेगा. पटना हाईकोर्ट के आदेश के बाद मां को जल्द ही उसके बच्चे को सौंपने की तैयारी चल रही है. महिला के ससुरालवालों ने बच्चे को मृत घोषित कर दिया था साथ ही फर्जी डेथ सर्टिफिकेट भी बनवा लिया था. इस जाल में पुलिस को भी कई दिनों तक उलझाये रखा गया लेकिन आखिरकार महिला को न्याय मिला.

पटना हाईकोर्ट के फैसले ने सात साल बाद एक बच्चे को उसकी मां से मिलवाया है

मामला बिहार के गया जिले का है. गया के कठौतिया गांव में 24 मई 2015 को ससुराल पहुंचे अजय यादव की हत्या कर दी गई थी. उसका शव मगध मेडिकल थाना क्षेत्र से बरामद किया गया था. इस मामले में मृतक की पत्नी पर हत्या आरोप लगाकर जेल भेज दिया गया था लेकिन इस दौरान उसके 4 माह के बच्चे को ससुरालवालों को सौंप दिया गया. जब 7 साल के बाद महिला जेल से छूटी और अपने बच्चे को पाने के लिए ससुराल पहुंची तो ससुरालवालों की बात सुनकर महिला हतप्रभ हो गई. ससुराल वालों ने महिला को बताया कि उसके बच्चे की पहले ही मौत हो चुकी है.

इसके बाद महिला को विश्वास नहीं हुआ तो उसने स्थानीय मगध मेडिकल थाना में बच्चे की बरामदी को लेकर गुहार लगायी. इस दौरान मगध मेडिकल थाना की पुलिस ससुराल पक्ष के दो लोगों को हिरासत में लेकर थाना लेकर आई तो उल्टे ही ग्रामीणों ने थाना का घेराव कर दिया और दोनों को छोड़ने की मांग पर अड़े हुए थे. इसके बाद महिला ने हाईकोर्ट की शरण ली. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए गया पुलिस को जांच करने का आदेश दिया. जब पुलिस की जांच फिर से हुई तो परत दर परत मामले का खुलासा होने लगा.

सच सामने आया कि बच्चे की मौत नहीं हुई है बल्कि बच्चे को कहीं छिपाकर रखा गया है और पुलिस को फर्जी डेथ सर्टिफिकेट भी दिया गया है. पुलिस ने अब इस मामले में हाईकोर्ट के निर्देशानुसार और अपने अनुसंधान के आधार पर मां को उसे बच्चे से मिलाने की पहल शुरू कर दी है और बच्चे की बरामदी कर उसे चाइल्ड लाइन को सौंपा गया है.

अब डीएनए टेस्ट कर बच्चे को उसकी मां को सुपुर्द कर दिया जाएगा. इस मामले में गया की एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया कि फर्जी डेथ सर्टिफिकेट बना कर बच्चे को मृत घोषित किया गया था. अनुसंधान में बताया जा रहा है कि इसमें मुख्य सूत्रधार बच्चे का चाचा है जिसकी तलाश की जा रही है. उसकी गिरफ्तारी के बाद ही पता चल पाएगा कि ऐसा क्यों किया गया.