जाति आधारित गणना के लिए प्रशिक्षण का आयोजन

मुजफ्फरपुर : बिहार जाति आधारित गणना-2022 को लेकर समाहरणालय सभा कक्ष में बुधवार को बैठक सह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। जाति आधारित गणना के दौरान आर्थिक स्थिति के सर्वेक्षण का भी प्रयास किया जायेगा। पुनरीक्षित कार्यक्रम के अनुसार यह कार्य 31 मई 2023 तक पूर्ण कर लिया जाना है। बिहार राज्य के सभी व्यक्तियों का जाति आधारित गणना किया जाना है, चाहे वो किसी भी जाति या संप्रदाय के हों।

गणना के समय बिहार के वैसे निवासी जो किसी कारणवश राज्य या देश से अस्थायी प्रवास की स्थिति में हों, उनकी भी गणना की जायेगी। जाति आधारित गणना दो चरणों में करायी जायेगी

प्रथम चरण मकान सूचीकरण के अधीन गणना क्षेत्र का निर्धारण, गृह संख्या का अंकन एवं संक्षिप्त गृह पंजी तैयार किया जायेगा। द्वितीय चरण के अधीन वास्तविक गणना का किया जायेगा।

प्रगणक द्वारा मोबाइल एप एवं प्रपत्र में भरे गये आंकड़ों को पर्यवेक्षक द्वारा जांचोपरांत समर्पित किया जाएगा। प्रपत्र एवं मोबाइल एप में जातियों का सही प्रकार से प्रवृष्टि की मॉनिटरिंग की पूर्ण जिम्मेवारी सहायक चार्ज अधिकारी की होगी। गणना कार्य हेतु निम्नवत प्रशासनिक ढांचा होगा।

जिलाधिकारी -प्रधान गणना अधिकारी-सह-नोडल पदाधिकारी
अपर समाहर्ता/जिला कल्याण पदाधिकारी/जिला सांख्यिकी पदाधिकारी- अपर प्रधान गणना पदाधिकारी

अनुमंडल पदाधिकारी- अनुमंडल गणना पदाधिकारी
नगर आयुक्त/कार्यपालक पदाधिकारी- नगर चार्ज अधिकारी
प्रखंड विकास पदाधिकारी- प्रखंड चार्ज अधिकारी
अपर नगर आयुक्त/सिटी मैनेजर-सहायक नगर चार्ज अधिकारी

अंचलाधिकारी-सहायक प्रखंड चार्ज अधिकारी
पर्यवेक्षक- प्रगणक से एक उच्च स्तर के कर्मी
प्रगणक- शिक्षक, कृषि समन्वयक, मनरेगा कर्मी, रोजगार सेवक, विकास मित्र, आदि की सेवा ली जाएगी।

सहायक- टोला सेवक, तालीमी मरकज, ममता कर्मी, आशा कर्मी एवं जीविका समूह की दीदी।प्रशिक्षण देते हुए अपर समाहर्ता श्री संजीव कुमार ने इसका उदेश्य बताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति/परिवार/घर इस गणना कार्य में नहीं छूटे और सर्वे में किसी प्रकार का दोहरीकरण न हो।

इसके लिए फील्ड सर्वे कर नजरी नक्शा अवश्य बना ले। प्रखंड स्तर पर इसी प्रकार के सभी प्रगणक सहायकों को प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करें। प्रथम चरण में 7 जनवरी से मकान सूचीकरण का कार्य चलेगा जिससे 21 जनवरी तक पूरा कर लेना है।