30 से 35 फीसदी बच्चे ही ला पा रहे 60 फीसदी से अधिक अंक

मुजफ्फरपुर : सीबीएसई 10वीं और 12वीं के 30 से 35 फीसदी बच्चे ही 60 फीसदी से अधिक अंक ला पा रहे हैं। पहले प्री बोर्ड के रिजल्ट से यह चिंताजनक तस्वीर सामने आई है।

प्री बोर्ड में 60-65 फीसदी बच्चे कंपीटेंसी बेस्ड सवाल छोड़ रहे हैं। सिलेबस से अलग विश्लेषण क्षमता में भी बच्चे मात खा रहे हैं। काउंसिलिंग सेल ने इसको लेकर रिपोर्ट बनाई है। यह रिपोर्ट बच्चों, अभिभावकों और स्कूल प्रबंधन से आई कॉल और उनसे मिले फीडबैक पर बनी है।

इसके बाद सीबीएसई ने सभी स्कूल को रिमेडियल कक्षा चलाने का निर्देश दिया है। इस रिपोर्ट के अनुसार दो साल बाद पूरे सिलेबस पर परीक्षा होने से कठिनाई आ रही है। विश्लेषण क्षमता परखने वाले सवाल बढ़ने से भी बच्चों को दिक्कत हो रही है।

प्री बोर्ड में बच्चों के प्रदर्शन को लेकर काउंसिलिंग सेल की यह रिपोर्ट मुजफ्फरपुर समेत बिहार के विभिन्न जिलों में ही नहीं बल्कि झारखंड, यूपी, छत्तीसगढ़ समेत विभिन्न राज्यों से बच्चों की कॉल और स्कूल प्रबंधन से मिले आंकड़ों पर बनी है।

केन्द्रीय विद्यालय के प्राचार्य संजीव कुमार सिन्हा बताते हैं कि पहले प्री बोर्ड में 25-30 फीसदी बच्चे ऐसे रहे हैं जो पास मार्क्स तक नहीं ला पाए हैं। हैरानी यह कि कंपीटेंसी बेस्ड सवालों को बच्चों ने पूरा का पूरा छोड़ दिया।

वर्ष 2023 में परीक्षा में शामिल होने वाला बैच पूरी तरह क्लीन बैच है। क्योंकि, कोविड का सबसे ज्यादा असर इन्होंने ही देखा है। डॉ. प्रमोद कुमार बताते हैं कि ऐसे बच्चे जिनका प्रदर्शन अच्छा नहीं है, उनके लिए अतिरिक्त कक्षा चलाई जाए।

स्कूलों के सामने भी बच्चों को तनाव से उबारने की चिंता है। ऐसे में प्रैक्टिस सेट अधिक से अधिक बनावाएं। सैंपल पेपर बनाएं। एनसीईआरटी के लर्निंग ऑब्जेक्टिव और आउटकम को देखें और समझे कि किस तरह सामान्य जीवन व लोक कल्याण उपयोग से संबंधित सवाल के जवाब दिए गए है।