बिहार के इस छात्र का कमाल! बनाया एल्गोरिथ्म, अब पानी में होगी खेती

भागलपुर : हमें अपने सपनों को लेकर जीना चाहिए, क्योंकि सपने हमें एक उज्जवल भविष्य की ओर ले जाते है. ऐसा इसलिए हम कह रहे हैं क्योंकि बांका के रहने वाले यश कुमार ने अपने सपने को साकार कर लिया है. यश ने एक ऐसा एल्गोरिथ्म तैयार किया है जिससे छुटे हुए भूमि पर भी खेती की जा सकती है. खासकर वैसे भूमि जहां पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है. अब वहां पर खेती करना आसान होगा.

यश ने कहा कि बचपन से ही जब कभी घूमने जाता था तो बहुत ही खाली जमीन को देख कर मन में एक सवाल आ जाता था कि अगर इस पर भी खेती हो तो शायद हमारे किसानों की आमदनी और भी अच्छी होगी. किसानों की कई ऐसी जमीन है, जिसमें जलजमाव की समस्या बनी रहती है. जिसके कारण वह फसल की बुवाई नहीं कर पाते हैं. साल में उस खेत से एक ही फसल ले पाते हैं. उसको देखते हुए हमने एक एल्गोरिथ्म तैयार किया. एल्गोरिथ्म और सेटेलाइट के माध्यम से उस जगह को ढूंढना शुरू किया. जिन जगहों पर जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है सैटेलाइट और एल्गोरिथ्म के माध्यम से मैं उसको ढूंढने में सफल हो पाया.

कोडिंग के माध्यम से उसे ढूंढ लिया
उन्होंने बताया कि मैं भोला पासवान पूर्णिया कृषि महाविद्यालय का छात्र हूं. वहां पर पूर्णिया में सबसे अधिक मखाने की खेती होती है. मखाने की खेती के लिए पानी सबसे अधिक जरूरी होता है. तभी मेरे मन में ख्याल आया ऐसे जमीन को ढूंढना चाहिए जहां पर जल जमाव होता है. हमने कोडिंग के माध्यम से उसे ढूंढ लिया. अब किसानों को मखाना की खेती की तरफ अग्रसर करने के लिए हम लोग प्रयासरत हैं. जिससे मखाने की पैदावार अच्छी हो सके. उन्होंने बताया कि सबसे खास बात मखाना कम समय में तैयार होने वाला फसल है. जो आसानी से 4 से 5 माह के अंदर में तैयार हो जाते हैं. किसानों की कई ऐसी भूमि है जो 4 से 5 माह पानी में डूबी रहती है. अगर उस समय किसान मखाने की खेती करें तो उसकी आय दोगुनी हो सकती है. इसके साथ ही बिहार में मखाने का उत्पादन भी अच्छा हो पाएगा.