‘बिहार में 7 फरवरी से खुलेंगे सभी शिक्षण संस्थान’, शिक्षा मंत्री बोले- CMG की बैठक में अंतिम फैसला

बिहार में 7 फरवरी से सभी शैक्षणिक संस्थान खुल जाएंगे। शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने ये बातें मंगलवार को कहीं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले राज्य में कम हुए हैं और विभाग सभी शिक्षण संस्थानों को खोलने को तैयार है। कहा कि लेकिन क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक में इसको लेकर अंतिम फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 7 फरवरी से प्राइमरी से लेकर हायर सेकेंड्री तक के स्कूल और कॉलेज खुल जाएंगे।

सौ फीसदी बच्चों और शिक्षक की उपस्थिति के साथ ये खोले जाएंगे। मंत्री ने कहा कि शिक्षण संस्थानों में ऑफलाइन क्लास की व्यवस्था फिर से बहाल की जाएगी। कोरोना की तीसरी लहर में राज्य में जब मरीजों की संख्या बढ़ने लगी तब सरकार ने स्कूल, कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थानों को बंद कर दिया था। बच्चों की पढ़ाई ऑन लाइन हो रही थी।

घट रहा कोरोना बढ़ रहा वैक्सीनेशन
बिहार में कोरोना का डाउनफॉल है। 90% संक्रमित होम आइसोलेशन में 7 दिन में ठीक हो रहे हैं। इस बीच बच्चों में वैक्सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ी है। संक्रमण दर तेजी से घटकर अब 0.85% हो गई है। रविवार को राज्य में 1.50 लाख लोगों की कोरोना जांच हुई, जिसमें 1,238 लोग पॉजिटिव पाए गए। राज्य में अब एक्टिव मामलों की संख्या 6,557 है। बिहार नए संक्रमण के मामले में भी देश में 22वें नंबर पर है।

वैक्सीनेशन में भी लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। राज्य में 15 से 18 वर्ष के कुल 40,07,650 बच्चों को कोरोना का टीका लग चुका है। इससे सुरक्षा को लेकर बड़ी राहत है। अब तक राज्य में कुल 11,21,59,042 लोगों का वैक्सीनेशन हुआ है, जिसमें 6,43,66,211 लोगों ने पहली और 4,73,07,745 ने दूसरी डोज ली है। 4,85,086 लोगों को प्रिकॉशन डोज दी गई है।

देश के अन्य राज्यों का निर्णय
महाराष्ट्र और कर्नाटक सहित देश के आधा दर्जनों राज्यों में बिहार से अधिक संक्रमण था। कोरोना का खतरा भी काफी अधिक रहा है, इसके बाद भी कई राज्यों में स्कूल को सामान्य दिनों की तरह खोला जा रहा है। देश के कई राज्यों का यह निर्णय बिहार सरकार के लिए निर्णय लेने के लिए अनुकूल माहौल बना रहा है। ऐसे में क्राइसेस मैनेजमेंट की बैठक में इस बार 5 फरवरी को स्कूलों से जुड़े बड़े निर्णय की पूरी संभावना है। वहीं, प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन ने 7 फरवरी से राज्यव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है।

एसोसिएशन का कहना है कि अगर सरकार 6 फरवरी तक कोई निर्णय नहीं लेती है तो राज्य के 25 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूलों के संचालक और वहां काम करने वाले लाखों टीचर-कर्मचारी के साथ गार्जियन भी सड़क पर आंदोलन के लिए आएंगे।