दिल्ली से दुबई जाना सस्ता; मगर दरभंगा आना महंगा, मंत्री ने फेयर चार्ट शेयर कर ‘उड़ान’ पर कसा तंज

पटना. दीपावली और छठ पर्व के दौरान मेट्रो शहरों से बिहार आने वाले यात्रियों की संख्या में इतनी बढ़ोतरी हो जाती है कि किराया भी आसमान छूने लगता है. इस बार भी कुछ ऐसा ही दृश्य है और बिहार आने के लिए जहां टिकटें नहीं मिल रहीं, वहीं किराया भी इतना बढ़ा हुआ है कि आम लोगों के लिए यात्रा करना बेहद कठिन हो गया है. इसी के मद्देनजर बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने हवाई जहाज किराये को लेकर केंद्र सरकार की उड़ान योजना पर तंज कसा है.

बिहार में तीन स्थानों पर तटबंध टूटने से नहीं हुई जान-माल की क्षति, संजय झा  ने किया दावा - no damage to life or property due to breach of embankment in  bihar-mobileसंजय झा ने दिल्ली से दरभंगा के बीच डायरेक्ट फ्लाइट का किराया दीपावली में 21 हजार से ज्यादा होने पर योजना की मंशा पर गंभीर सवाल उठाये हैं. संजय झा के अनुसार, त्योहार के सीजन में दिल्ली से दुबई जाना आसान है क्योंकि हवाई जहाज के टिकट सस्ते हैं. लेकिन, बिहार के दरभंगा जाने का मतलब जेब खाली करना है. उन्होंने एयर टिकट की कीमत में भारी उछाल के लिए विमान कंपनियों को नहीं; बल्कि केंद्र सरकार के नागर विमानन मंत्रालय को ही जिम्मेदार माना है.

संजय झा ने शेयर किए फेयर चार्ट

मंत्री ने दिल्ली से दरभंगा और दिल्ली से दुबई के एयर फेयर का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर शेयर किया है. 22 अक्टूबर, 2022 के दोनों के किराये में लगभग दोगुने का अंतर है. मंत्री द्वारा ट्वीट किये गए स्क्रीन शॉट के मुताबिक, दिल्ली से यदि किसी को दरभंगा जाना है तो उसे डायरेक्ट फ्लाइट के लिए 21, 420 रुपये देने होंगे, जबकि उसी दिन दिल्ली से दुबई आप महज 11, 690 में चले जाएंगे. इसी के जरिये संजय झा ने पूछा है कि सरकार की उड़ान योजना की ये कैसी उड़ान है?
पीएम मोदी की पसंदीदा योजना है उड़ान

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 25 अप्रैल, 2017 को उड़ान योजना के तहत पहले विमान रुट की शुरुआत की थी. इस योजना का पूरा नाम है- उड़े देश का आम आदमी है. देश के 29 राज्यों के 425 नये रुट्स पर विमान सेवा देने की योजना है. देश के दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिये क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के तहत ही नए एयरपोर्ट बनाये जा रहे हैं.

बिहार का दरभंगा और हाल में खुला देवघर एयरपोर्ट भी इसी योजना के तहत बनने वाले एयरपोर्ट हैं. इस योजना ने क्षेत्रीय कैरियरों को अपना परिचालन बढ़ाने के लिए बेहद आवश्यक मंच प्रदान किया है. उड़ान के तहत 220 गंतव्यों (हवाई अड्डे/हेलीपोर्ट/वाटर एरोड्रोम) को 2026 तक1000 मार्गों के साथ पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है ताकि देश के बिना संपर्क वाले गंतव्यों को हवाई संपर्क प्रदान किया जा सके.